अपने सिस्टम को तत्काल ठीक करें
अस्पताल में ताला और मरीज की मौत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी बीमार सिस्टम को तत्काल ठीक कीजिये | व्यवस्था ऐसी तो हो की इस विषम परिस्थिति में अस्पतालों के दरवाजे मरीजों के लिए खुले रहें | हालात इतने खराब हैं कि गंभीर अवस्था में मरीज अगर अस्पताल पहुँचता है तो पहले वहां ताला तोड़ा जाता है | भले ही इस दौरान मरीज दम तोड़ दे | ऐसी ही भयावह तस्वीर सामने आई है उज्जैन से | जो मानवता को शर्मसार करती है |
ये खबर हुक्मरानों के दिमाग की बत्ती गुल कर सकती है | एक तरफ कोरोना के संक्रमण काल में स्वास्थ्य अमला देवदूत बना हुआ है वहीं कुछ जगह हालात इतने बदत्तर हैं कि अगर कोई गंभीर बीमार अस्पताल पहुँच जाए तो उनकी सुनने वाला कोई नहीं है | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आप बहुत संजीदा संजीदा इंसान हैं | इसलिए समय रहते एक्शन लीजिये और ये ताकीद कीजिये कि भविष्य में ऐसी शर्मसार कर देने वाली घटना की पुनरावृत्ति मध्यप्रदेश में तो न हो | ये वीडियो दिखाना हमारी मज़बूरी है | ताकि सरकार की आँखें खुल जाएँ | जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रही ये महिला एम्बुलेंस से अपने घर से अस्पताल तक तो आ गई लेकिन ये क्या | अस्पताल में ताला लगा है | ऐंबुलेंस और कुछ कर्मचारी जब ताला तोड़ने की मशक्कत कर रहे थे तब महिला वाहन में तड़प रही थी | एक स्वास्थ्य कर्मी ने महिला को गले लगाकर उनका ढांढ़स बनाये रखने का काम किया लेकिन महिला की सांसे उखड रही थीं | तो दूसरी तरफ अस्पताल के सन्नाटे में ताला तोड़े जाने की आवाजें सरकार के वादे और दावों की पोल खोल रही थीं |
अस्पताल की लापरवाही उजागर की इससे ज्यादा खतरनाक तस्वीर कोई हो ही नहीं सकती | दानीगेट निवासी 58 साल की महिला को गुरुवार देर रात माधवनगर अस्पताल में भेजा गया | यहां से उसे आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज भर्ती के लिए रैफर किया गया, मगर यहां वार्ड के ताले की चाबी ही नहीं मिली कुछ कर्मचारी ताला तोड़ते रहे | इस दौरान महिला बाहर एंबुलेंस में अंतिम सांसे ले रही थी | करीब 45 मिनट बाद जब ताला टूटा और उसे वार्ड में भर्ती कराया गया | तब तक बहुत देर हो चुकी थी | महिला इलाज के आभाव में दुनिया को अलविदा कह चुकी थीं |