सिंचाई रकबा 7.5 से बढ़कर 36 लाख हेक्टेयर हुआ
एमपी में बदल रहा है खेती का परिदृश्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में 10 साल पहले सिंचित रकबा मात्र 7 लाख 50 हजार हेक्टेयर था, जिसे बढ़ाकर 36 लाख हेक्टेयर किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के फैसलों से प्रदेश में कृषि का परिदृश्य बदल रहा है और किसानों के हित में बड़े फैसले लिये जा रहे हैं। श्री चौहान सीहोर में 3-दिवसीय कृषि विज्ञान मेले की शुरुआत कर रहे थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, जिला प्रभारी और राजस्व मंत्री रामपाल सिंह तथा सांसद आलोक संजर इस मौके पर उपस्थित थे।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कृषि के लिये सबसे जरूरी पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होना है। सीहोर और उसके आसपास के क्षेत्र में सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिये नर्मदा नदी को पार्वती, कालीसिंध और गंभीर नदी से जोड़ने के लिये डीपीआर बनने का काम शुरू हो गया है। योजना के पूरी होने पर पूरा क्षेत्र सिंचित होगा, कृषि उत्पादन और आधारित उद्योग बढ़ेंगे। इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी।श्री चौहान ने कहा कि किसानों को दी जाने वाली बोनस राशि का उनके व्यापक हित में उपयोग किया जायेगा। इसके लिये सरकार एक नयी योजना बनाने जा रही है, जिसमें किसान खाद-बीज पर 100 रुपये की सामग्री लेगा तो उसे मात्र 90 रुपये लौटाने होंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने भी समारोह को संबोधित किया।जिला पंचायत भवन, पॉलीटेक्निक तथा विकलांग पुनर्वास केन्द्र का लोकार्पणमुख्यमंत्री चौहान ने सीहोर में 2 करोड़ 22 लाख रुपये की लागत से बने जिला पंचायत भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने शासकीय महिला पॉलीटेक्निक महाविद्यालय के 14 करोड़ 85 लाख लागत से निर्मित भवन और 20 करोड़ 88 लाख की लागत के विकलांग पुनर्वास केन्द्र और 36 करोड़ 34 लाख की लागत के निर्माण कार्यों का भी लोकार्पण किया। श्री चौहान ने कृषि विज्ञान मेले में कृषि यंत्र प्रदर्शनी, कृषि गैलरी और कृषि कियोस्क का भी अवलोकन किया। उन्होंने मेले में सरकार की विभिन्न योजना के हितग्राहियों को लाभ-पत्र वितरित किये।