50 रेज़िडेंट जूनियर डॉक्टर्स ने इस्तीफे दे दिए
कोरोना के खतरे को देखते हुए ग्वालियर के जीआर मेडिकल कॉलेज ने इंटर्नशिप कर चुके 114 डॉक्टरों को तीन माह की नियुक्ति दी थी | ताकि मरीजों के उपचार में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आए | लेकिन कोरोना के डर की वजह से इनमें से 50 डॉक्टरों ने ज्वॉइन करने से इंकार कर दिया है | और शासन के आदेश में इच्छुक शब्द के बहाने इस्तीफा दे दिया है | वहीं विभाग के मुताबिक इस नियुक्ति को बांड अवधि में जोड़ा जाना था, इसलिए इसे इस्तीफा नहीं कहा जा सकता है | हालांकि कॉलेज प्रबंधन अब शासन स्तर पर इसको लेकर चर्चा कर रहा है |
कोरोना से लड़ाई में संसाधन के साथ फै कल्टी की कमी भी बड़ी परेशानी बनी हुई है | इस कमी को दूर करने के लिए शासन ने आदेश दिए थे कि वह इंटर्नशिप पूरी कर चुके डॉक्टरों को तीन माह की नियुक्ति पर रख सकते हैं | इसमें वह डॉक्टर भी शामिल थे, जो दूसरे जिलों के मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत हैं | जीआर मेडिकल कॉलेज ने 114 एमबीबीएस डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र जारी कि ए थे | कु छ डॉक्टरों ने तो तत्काल ज्वॉइनिंग दे दी, लेकि न 50 डॉक्टरों ने लिखित में नौकरी ज्वॉइन करने से इंकार कर दिया है | या अपना इस्तीफा दे दिया है | सूत्रों की मानें तो डॉक्टरों ने कोरोना से डरकर ही नौकरी से इंकार किया है | हालांकि सभी ने अपने ज्वॉइन नहीं करने का कारण व्यक्तिगत बताया है | जीआरएमसी प्रबंधन द्वारा अब इस मामले में शासन से राय ली जा रही है | जीआर मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉ. केपी रंजन ने कहा कि इंटर्न को तीन माह के लिए नियुक्ति पत्र दिए गए थे | यह समय इनकी बांड अवधि में शामिल होना था, इसलिए इस्तीफा नहीं कहा जा सकता है | इच्छुक शब्द लिखा था, इसलिए 50 डॉक्टरों ने ज्वॉइन करने से इंकार कर दिया है |
जीआरएमसी ने इन डॉक्टर्स को जयारोग्य अस्पताल, कमलाराजा महिला एवं बाल्य चिकित्सालय और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में तैनात किया था | लेकिन तैनाती के सप्ताभर के अंदर ही इन जूनियर रेज़िडेंट डॉक्टरों में कोरोना का खौफ हो गया और धीरे-धीरे 50 रेज़िडेंट डॉक्टरों ने इस्तीफे दे दिए औऱ अपने घर रवाना हो गए |