गाँवों में हैं बड़ी संख्या में चमगादड़
ICMR :चमगादड़ का वायरस इंसान में आने की पुष्टि नहीं
कोरोना वायरस चमगादड़ से फ़ैलाने की खबर से रीवा सतना के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है | लोगों का कहना है की इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में चमगादड़ पाए जाते हैं | और अगर चमगादड़ से कोरोना वायरस सीधे तौर पर मनुष्य में आता है तो कोरोना के फ़ैलने की आशंका बहोत ज्यादा है .| हालाँकि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी ICMR ने पहले ही इस्पष्ट कर दिया है की | कोरोना वायरस चमागदड़ों में भी पाए जाते हैं | लेकिन वो अलग होते हैं | चमगादड़ का वायरस इंसान में आने की पुष्टि नहीं हुई है |
रीवा सतना में लोग चमगादड़ से भयभीत है | कोरोना वायरस चमगादड़ से फ़ैलने की खबर ने लोगों को परेशान कर दिया है | लोगों का कहना है की इन क्षेत्रों में चमगादड़ बड़ी संख्या में पाए जाते हैं | अगर चमगादड़ से कोरोना फैला तो यहाँ की स्थिति खराब हो जाएगी | रीवा से 25 किमी दूर रीवा-सतना की सीमा में स्थित बकिया गांव में संन्नाटा पसरा है | लाॅक डाउन के साथ ही चमगादड़ों से यहां के लोग खौफजदा है | यहाँ बरगद , पीपल और आम के पेड़ों में चमगादड़ पाए जाते हैं | लोगों का मानना है की यहाँ वर्षो से ये चमगादड़ रह रहे हैं | अभी तक ऐसी स्थिति कभी नहीं आई | गौरतलब है की विंध्य क्षेत्र कोरोना के संक्रमण से दूर है | और चमगादड़ से कोरोना फ़ैलने की खबर ने लोगों में डर का माहौल बना दिया है | वैज्ञानिकों की माने तो चमगादड़ से मनुष्य में कोरोना सीधे आने के प्रमाण नहीं है | और यह अभी शोध का विषय है | इसलिए लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है | घर पर रहें सुरक्षित रहें | केवल सावधानी बरतने की जरूरत है | भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी ICMR के प्रवक्ता ने बताया है की कोरोना वायरस चमगादड़ों में पाया जाता है लेकिन वह चमगादड़ों का ही वायरस होता है, इंसानों में नहीं आ सकता | ICMR के मुताबिक़ चमगादड़ों से इंसान में कोरोना वायरस आने की घटना हजार साल में एकाध बार हो जाए तो यही बहुत बड़ी बात है |