सरकारी एम्बुलेंस का किया निजी उपयोग
भोपाल से छिंदवाड़ा पहुंचे,लोगों ने जताया विरोध
कोरोना के इस संकट में एक लापरवाही सब पर भरी पड़ सकती है | और अगर लापरवाही करने वाला डॉक्टर ही हो तो फिर दूसरों से क्या उम्मीद की जा सकती है | अपनी बेटी को भोपाल से छिंदवाड़ा लाने के लिए डॉक्टर ने खुद को गंभीर रोगी बना दिया | और नियमो को ताक पर रखकर | सरकारी एम्बुलेंस का गलत इस्तेमाल करते हुए | अपनी बेटी को भोपाल से छिंदवाड़ा ले आये |
छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव स्थित कोल इंडिया की संस्था वेकोलि कन्हान एरिया के मेडिकल आफिसर डॉक्टर बसु ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खुद से ही खुद को रेड कार्ड में गंभीर बताया | और एम्बुलेंस में सवार होकर भोपाल अपनी बेटी को लेने पहुँच गए | डॉक्टर बासु ने सरकारी गाड़ी को अपने निजी उपयोग में लेते हुए | बेटी को रातों रात भोपाल अयोध्या बायपास स्थित एक स्थान से जुन्नारदेव ले आये | और सुबह वह गभीर से स्वस्थ हो गए | इस डॉक्टर ने इसके बाद ड्यूटी भी ज्वाइन भी कर ली | और बेटी को भोपाल से वापस लाने की बात बाद में स्वीकार की | बेटी को भोपाल से लाने की बात भी डॉक्टर ने प्रशासन से पहले छुपाई | जैसे ही इस बात की ख़बर वेकोलि अस्पताल के कर्मचारी और यूनियन के नेताओ को लगी तो वे दहशत में आ गए | लोगों ने डॉक्टर के इस कृत्य का विरोध किया है | आनन फानन में डॉक्टर की बेटी और ड्राइवर को कोरेटिन कर दिया गया | लेकिन डॉक्टर ने खुद को स्वाथ्य बताते हुए कोरेटिन होने से मना कर दिया | वहीं विरोध कर रहे यूनियन के लीडरों ने इस बात की शिकायत थाने में दर्ज कराई | और अस्पताल में काम करने से मना कर दिया | लेकिन प्रशासन के अधिकारियों द्वारा अब तक डॉक्टर को न कोरेटिन किया गया | और न ही उस पर कोई कार्यवाही की गई |