न सोशल डिस्टेंसिंग न जान जाने का खतरा
छत्तीसगढ़ में शराब की दुकाने जैसे ही खुली | मानो शराब प्रेमियों के चेहरे खिल उठे | लोग सुबह से ही अपनी बारी के इंतज़ार में लम्बी कतारों में खड़े रहे | भीड़ और उत्साह देखकर ऐसा लगा जैसे | रोटी , कपड़ा , मकान और जान से ज्यादा शराब जरूरी है |
राजनांदगांव की ये तस्वीरें बताती हैं की | शराब प्रेमी किस कदर शराब दुकाने खुलने का इंतज़ार कर रहे थे | शराब ठेकेदार , सरकार से ज्यादा तो ये शराब प्रेमी दुकाने खुलने के इंतज़ार में थे | ये तस्वीरें बताती है की इनको कोरोना से कोई डर नहीं .| शराबियों में ख़ुशी की लहर इस कदर थी कि वे शराब दूकान खुलने से पहले ही दुकान के बाहर इंतजार करने लगे | और जैसे ही शराब खुली वो टूट पड़े | सरकार ने तो शराब दुकाने खोलकर आमजन के घर को बर्बाद करने का ठेका इन शराब ठेकेदारों को तो दे दिया है | पर क्या जनता खुद और खुद के परिवार की जान की कीमत नहीं समझती | क्या शराब का शौक परिवार की जान से ज्यादा बड़ा है |