बेहोश होकर गिरा एम्बुलेंस का कर्मचारी
Inhumanity

बीएमसी  का कोई स्टाफ नहीं आया उठाने

 

सागर में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के स्टाफ का  अमानवीय चेहरा सामने आया है  | एम्बुलेंस 108  का पैरामेडिकल  कर्मचारी कोरोना के  पॉजिटिव मरीजो की शिफ्टिंग के बाद  |  बॉडी सूट में गश्त खा कर गिर गया  |  लेकिन बीएमसी के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने उसे उठाने के लिए हाथ तक नहीं लगाया  | वह लगभग 25 मिनिट तक वहीं बेहोश पड़ा रहा  | बाद में एम्बुलेंस के कर्मचारियों ने  ही उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया  | 

सागर के मोतीनगर थाना क्षेत्र की 108 ऐंबुलेंस के ईएमटी  हीरालाल प्रजापति को उस समय जान के लाले पड़  गये  |  जब वे  सागर टीबी हास्पिटल से एक करोना मरीज को बुंदेलखंड मैडीकल कालेज शिफ्ट कर  रहे थे | और अचानक शिफ्टिंग के दौरान  बेहोश होकर वह सड़क  पर गिर गए   | वह  करीब 25 मिनट तक उसी तरह प्लास्टिक की पीपीई किट में जमीन में पड़े रहे  | लेकिन उनको उठाने के लिए  मैडीकल कालेज से कोई भी आगे नहीं आया  | और जब 108 के उनके  साथी कर्मचारियों ने उठाकर अंदर इलाज के लिये ले जाना चाहा तो  | जबाब मिला कि इनको जिला चिकित्सालय लेकर जाओ  | यहां बुंदेलखंड मैडीकल कालेज में कोई डाक्टर नहीं है  |  एम्बुलेंस के स्टाफ ने बताया की हीरालाल को  मरीज को शिफ्ट करने के दौरान काफी देर तक खड़ा रहना पड़ा था  | और ज्यादा स्वेटेनिंग होने की वजह से  वे बेहोश हो गए थे  |  लेकिन किसी ने भी उन्हें उठाकर अस्पताल ले जाने की जहमत नहीं  उठाई | अब  सोचने का विषय यह है की जब स्वास्थ्य विभाग के सहकर्मी के साथ ,  स्वास्थ्य विभाग का यह अमानवीय रवैया है  |  तो आम लोगों के साथ क्या होता होगा  |