विकास की दौड़ में मध्यप्रदेश पीछे नहीं रहेगा
एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश को देश का नंबर एक राज्य बनाने का संकल्प लिया गया है। विकास की दौड़ में प्रदेश को किसी भी हालत में पीछे नहीं रहने दिया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान आज छतरपुर जिले के चंदला में जिला-स्तरीय लोक कल्याण शिविर एवं विकास कार्यो के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। किसानों को दिये जाने वाले कर्ज की ब्याज दर 18 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दी गयी है। केंद्र शासन द्वारा निर्धारित किये गये गेहूँ के समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा 150 रूपये बोनस के रूप में दिया जा रहा है। जून माह से जिले के प्रत्येक ग्राम में 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवायी जायेगी। उन्होंने आओ बनायें अपना मध्य प्रदेश के तहत जनता को अपने गाँवों के विकास में भागीदार बनने का संकल्प दिलाया। श्री चौहान ने जुलाई से चंदला में शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करवाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कन्याओं के पैर पूजन कर बेटी वाले दम्पत्तियों को सम्मानित किया और बालिकाओं को एनएससी वितरित की।मुख्यमंत्री ने कहा कि चंदला में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने एवं केन नदी पर स्टॉपडेम के लिये सर्वे का कार्य तत्काल प्रारंभ करवाया जायेगा। उन्होंने केन-बेतवा परियोजना का परीक्षण कर सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ करने की भी बात कही। प्रदेश के विकास के लिये पानी, सड़क, बिजली, रोजगार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने के प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।श्री चौहान ने कहा कि किसानों को अब हर माह बिजली बिल जमा करने की आवश्यकता नहीं है। किसानों को साल में एक बार ही 1200 रूपये प्रति हॉर्स पावर के हिसाब से जमा करवाना होंगे। उन्होंने कहा कि 28 फरवरी 2013 तक किसानों के जो बिजली बिल लंबित हैं, उन पर शत्-प्रतिशत् सरचार्ज माफ कर दिया गया है। साथ ही मूल बिल की आधी राशि सरकार देगी। उन्होंने कहा कि जून माह से गरीबों को 1 रूपये प्रति किलो गेहूँ एवं 2 रूपये प्रति किलो चावल उपलब्ध करवाया जायेगा। एक रूपये प्रति किलो आयोडीनयुक्त नमक उपलब्ध करवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि जो गरीब जहाँ घर बनाकर रह रहे हैं उन्हें वहाँ पट्टे दिये जायेंगे।मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना के तहत युवाओं को स्व-रोजगार स्थापित करने के लिये ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। साठ वर्ष के उपर वाले बुजुर्गों को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में तीर्थ-यात्राएँ करवाई जा रही हैं, जो निरंतर जारी रहेंगी।