कोरोना को संभाले या नेताओं को मनाएं
बीजेपी ने लगाईं भीड़ तो कांग्रेसी पूर्व मंत्री धरने पर
लोकतंत्र में विरोध हर नागरिक का अधिकार है | लेकिन सियासत के आगे प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं | मामला इंदौर का है जहाँ धरना ख़त्म करने के लिए पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी को प्रशासनिक अधिकारीयों ने घुटने के बल खड़े होकर , हाथ जोड़कर मनाने की कोशिश की | लेकिन जीतू पटवारी टस से मस नहीं हुए | और अधिकारी को वापस जाना पड़ा |
एक तरफ इंदौर पूरी तरह कोरोना की चपेट में है | तो दूसरी ओर आरोप प्रत्यारोप को लेकर सियासत चरम पर है | इस राजनीतिक सियासत के बीच कोई मजबूर है तो वो है प्रशासन | प्रशासन की जिम्मेदारी है की वो कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को रोके | वहीं नेताओं को भी संभालने की जिमेदारी प्रशासन को ही दी गई है | फिर चाहे प्रशासन घुटने टेके या हाथ जोड़े | मामला इंदौर का है | जहाँ कोरोना पर राजनीती हावी हो रही है | पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और उनके साथी बीजेपी के विरोध में देवी अहिलायाबाई होल्कर की प्रतिमा के नीचे बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे | प्रशासन के अधिकारी उनको मानाने के लिए घुटनो के बल बैठे और हाथ जोड़े नजर आये | बहोत देर मिन्नत के बाद जब जीतू पटवारी नही माने तो अधिकारीयों को वापस जाना पड़ा | इस दौरान जीतू पटवारी अपने तर्क देते नजर आये | अब सवाल यह की प्रशासन कोरोना को लेकर सावधानी बरते या नेताओ को मानाने में अपना समय खराब करे |