सरकार के रोजगार के दावों की खुली पोल
कोरोना महामारी के चलते अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में गए मजदूरों की घर वापसी हो चुकी है | ऐसे में सरकार ने ग्रामीण मजदूरों को राष्ट्रीय रोजगार गारंटी के तहत रोजगार दिलाने का दावा किया था लेकिन सिवनी में सरकार के दावे की पोल खुल गई है |
कोरोना महामारी संक्रमण के बीच प्रदेश के प्रवासी मजदूर अपने गांव की ओर लौट चुके हैं | सरकार उन्हें गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराने के दावे भी कर रही है | परंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही है | लोग अब कोरोना जैसी महामारी से उतने भयभीत नहीं है | जितना कि रोजगार के अभाव में अपने परिवार के पालन पोषण मैं आ रही दिक्कतों से हैं | शायद यही कारण है कि आप लोग अपने परिवार और अपने पेट के खातिर फिर पलायन करने को मजबूर हैं |
कोरोना संक्रमण काल में लॉक डाउन ख़त्म हो रहा है | मजदूर रोजगार के अभाव में पलायन करने को मजबूर है | वहीं प्रशासन पलायन की बात को नकारते हुए रोजगार गांव में ही उपलब्ध कराने के दावे कर रहा है | लेकिन मजबूर मजदूर सरकारी दावों को सिरे से नाकार रहे हैं |