आधुनिकता के दौर में भी जनजातीय संस्कृति की विशिष्ट पहचान
आधुनिकता के दौर में भी जनजातीय संस्कृति की विशिष्ट पहचान
मध्यप्रदेश के आदिम-जाति कल्याण मंत्री कुँवर विजय शाह ने कहा है कि दुनिया में आधुनिकता के दौर में भी जनजातीय संस्कृति की विशिष्ट पहचान रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किए जायेंगे। आदिम-जाति कल्याण मंत्री कुँवर विजय शाह बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में ‘‘आदि रंग’’ के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उमरिया के प्रभारी मंत्री जय सिंह मरावी भी मौजूद थे।आदिम-जाति कल्याण मंत्री ने कहा कि आदिवासी अंचलों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आदिवासियों के उत्पाद को पर्याप्त बाजार दिलाये जाने पर भी जोर दिया। कुँवर शाह ने कहा कि देश एवं विदेश के सैलानी राष्ट्रीय उद्यान देखने आते हैं। उन्हें क्षेत्रीय आदिवासी संस्कृति से भी अवगत कराया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से इसके लिए एक योजना बनाने के लिए भी कहा। कार्यक्रम को प्रभारी मंत्री श्री जय सिंह मरावी, विधायक सुश्री मीना सिंह, श्री ज्ञान सिंह और श्री सुदामा सिंह ने भी सम्बोधित किया।‘‘आदि रंग’’ में आदिवासी अंचलों के 14 जिलों से आये 350 से अधिक लोक कलाकारों ने आदिवासी नृत्यों की प्रस्तुति दी। आदिम-जाति कल्याण मंत्री ने लक्ष्मीनारायण पयोधि द्वारा लिखित ‘‘जनजाति गोदना श्रृंगार’’ पुस्तक का विमोचन किया।