भोपाल का ‘गोल घर’ नवाबकालीन संग्रहालय बना
एम.पी.मिश्राभोपाल शहर के शाहजहाँनाबाद में परी पार्क के पास बने इस गोलाकार भवन गुलशन-ए-आलम को गोल घर के नाम से जाना जाता है। भवन का निर्माण नवाब शाहजहाँ बेगम (1868-1901) के शासन में हुआ था। यह गोलाकार भवन दो दर्जन दरवाजों से युक्त है। इसके गोल भाग में सीढ़ियाँ हैं, जो ऊपर की ओर जाती है। ऊपरी कक्ष में गुम्बद है। स्तम्भ गोल और दरवाजे अलंकृत हैं। गुम्बद में बैंगनी, पीला, नारंगी, लाल, भूरा और हरे रंग के उपयोग से चित्रकारी की गई है। ऊपर की ओर गोलाकार बरामदा है जो टीन की शीट से आच्छादित है, जिन्हें लकड़ी के खम्भों पर आधारित किया गया है। मूल रूप में इसमें पर्शियन शैली का बगीचा था जिसे जन्नत बाग के नाम से जाना जाता था।इस भवन में पहले शाहजहाँ बेगम का कार्यालय स्थापित रहा। फिर चिड़िया घर के रूप में इसका उपयोग किया गया, जिसमें विभिन्न पक्षियों का संग्रह हुआ करता था। कहा जाता है कि नवाब शाहजहाँ बेगम के काल में इस कक्ष में सोने-चाँदी के धागे रखे जाते थे जिन्हें चुनकर वे घोंसला बनाती थी जिसे उनके द्वारा महारानी विक्टोरिया को भेंट किया गया था। यहाँ मनोरंजन के लिये नवाबकालीन बेंड द्वारा रोज शाम को संगीत बजाया जाता था।शाहजहाँ बेगम द्वारा 16 नवम्बर 1868 को भोपाल राज्य की सत्ता संभालते ही कई भवनों का निर्माण करवाया गया। उन्होंने सिटी अस्पताल, ताजमहल, नूर मस्जिद, बेनजीर महल, नूरमहल, निशात मंजिल, नवाब मंजिल, आमी मंजिल, ताजुल मस्जिद सहित जेलखाना और लाल कोठी आदि अनेक भवन का निर्माण करवाया।कालांतर में गोल घर का उपयोग नवाब के वंशजों ने अपने कार्यालय के रूप में किया। बाद में इसमें शासकीय रेलवे पुलिस का कार्यालय भी रहा।भोपाल में किया जाने वाला जरी का काम सबसे प्रसिद्ध है। जरी वर्क के कुछ नमूने गोल घर में प्रदर्शित किये गये हैं।भोपाल शहर में शायरी का प्रचलन भी बहुत अधिक रहा है। भोपाल में मुल्ला रमूजी, बरकतुल्लाह, माशूक अली खाँ जौहर, असद भोपाली, ज्ञानचंद जैन, जां निसार अख्तर, इकबाल मजिद जैसे अनेक मशहूर शायर हुए हैं। इसके अलावा नवाबकालीन चार बैंत की शुरूआत और उसके चलन के बारे में गोल घर में दर्शाया गया है। नवाबकालीन अभिलेखों का प्रदर्शन जैसे नवाब हमीदउल्ला का पासपोर्ट और डायरियाँ और प्रमुख पत्राचार आदि प्रदर्शित किये गये हैं। इसके साथ ही नवाबकालीन बर्तन, बाट (वजन), पानदान, तश्तरियों आदि का प्रदर्शन भी किया गया है।गोल घर संग्रहालय में नवाबकालीन कला, संस्कृति, सामाजिक जीवन की झलकियाँ प्रदर्शित की गई हैं। संग्रहालय का उद्देश्य भोपालवासियों को उनकी विरासत से अवगत करवाना है। यह संग्रहालय प्रातः 10 बजे से सांय 5 बजे तक जन-सामान्य के लिये खुला रहेगा।