केंद्र की नीतियों ने तोड़ी नक्सलवाद की कमर
 NAKSALI

समाज की मुख्य धारा से जुड़ चुके हैं कई नक्सली  

 

केंद्र  की एनडीए  सरकार की प्रभावी नीतियों के चलते  बस्तर में नक्सलवाद ख़त्म होने की कगार पर आ गया है |  नक्सलियों को मिलने वाली बाहरी मदद भी बंद हो गई है   | जिसके चलते नक्सली मुखबिर का आरोप लगाकर बेक़सूर ग्रमीणो की हत्या कर रहे हैं  |  इसके बावजूद कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ने का काम किया है  | 

बस्तर मे नक्सलवाद अपनी अन्तिम सांसे गिन रहा है  | केन्द्र मे एन.डी.ए. की सरकार ने  पुराने ढर्रे पर चल रही नीतियों को पूरी तरहा से बदल दिया था | जिसके चलते  नक्सलवाद का सफाया होना शुरू हो गया था  |  पिछले पांच सालों से नक्सलवादी संगठन नई भर्ती तक नहीं कर सका है | हथियार गोला बारूद की सप्लाई शून्य पर पहुंच चुकी है  | नक्सल प्रभावित इलाकों मे पुलिस महकमा खुद निर्माण कार्यों को करवा रहा है |  जिसके परिणाम स्वरूप नक्सल संगठन तक ठेकेदारों के माध्यम से पहुंचने वाली भारी भरकम रकम पहुंचना बन्द हो गई है | आई जी बस्तर ने बताया की आत्मसमर्पित और गिरफ्तार किये गये नक्सलियों से मिली सूचनाओं के आधार पर पुलिस फोर्स उनकी मांद तक पहुंच चुकी है | नक्सल संगठन अब किसी भी घटना को अंजाम देने की स्थिति मे नही है  | परिणाम स्वरूप दहशत कायम रखने आदिवासी ग्रामीणों की ही हत्याओं को अंजाम दिया जा रहा हैं  | अब तक महिला , नाबालिग बच्चों समेत कुल एक हजार सात सौ उनहत्तर  ग्रामीणों की हत्याएं हो चुकी हैं |