संस्कृति विभाग चार बड़े उत्सव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करें
रायसेन जिले में मिली 120 किलोमीटर लम्बी दीवार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि संस्कृति विभाग चार बड़े उत्सव, खजुराहो उत्सव, तानसेन समारोह, कालीदास समारोह और लोकरंग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करें। इन उत्सवों से अधिक से अधिक जनता को जोड़ें। जिला स्तर पर जिला पुरातत्व संघ और जिला पर्यटन प्रचार समिति को मिलाकर जिला स्तर की समिति बनायें। पुरातत्व और संस्कृति के क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा दिया जाए। संस्कृति विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिये कि प्रदेश के पुरातत्व स्मारकों के अनुरक्षण तथा सर्वे का समयबद्ध कार्यक्रम बनायें। इस कार्य के लिये 13वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि का समय-सीमा में उपयोग करें। पुरातत्व पर्यटन की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कार्य करें। उन्होंने रायसेन जिले में मिली ग्यारहवीं शताब्दी की परमारकालीन 120 किलोमीटर लंबी दीवार का सर्वे विशेषज्ञों की देखरेख में करवाने के निर्देश दिये। यह दीवार रायसेन जिले के बाड़ी से उदयपुर के बीच फैली है तथा इसके आसपास घना जंगल है। यह पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन सकती है। उन्होंने कहा कि भोपाल में स्थित विश्व-स्तरीय पुरातत्व संग्रहालयों का व्यापक प्रचार करें। भोपाल में 16 पुरातत्व संग्रहालय स्थित हैं। पर्यटकों के लिये इन संग्रहालयों को दिखाने के कार्यक्रम तैयार करें। जिला स्तर पर लोक कलाकारों द्वारा अपनी कला के प्रदर्शन के लिये कला संकुल स्थापित करने का सर्वे करें। भोपाल स्थित नाट्य विद्यालय के अब तक के परिणामों का आकलन करें। शहीद टंट्या भील और शहीद भीमा नायक के स्मारकों के निर्माण का कार्य समय-सीमा में पूरा करें। बैठक में बताया गया कि प्रदेश की आँचलिक बोलियों के रचनाकारों को पुरस्कृत करने की योजना बनायी गई हैं। इसमें प्रत्येक आँचलिक बोली के लिये एक रचनाकार को 51 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा। संस्कृति विभाग द्वारा लोक कलाकार कल्याण मंडल के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। भोपाल स्थित जनजातीय संग्रहालय के निर्माण का एक वर्ष पूरा होने पर समारोह किया जायेगा। प्रदेश की दस तहसील में पुरातत्विक सर्वे के लिये उत्खनन का कार्य किया जा रहा है।साँची बौद्ध विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय बनायेंमुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि साँची बौद्ध विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करें। इसी के अनुरूप शैक्षणिक तथा अधोसंरचना सुविधाएँ विकसित करें। विश्वविद्यालय में श्रीलंका, भूटान और थाईलेंड के अध्ययन केन्द्र स्थापित किये जाएं। उन्होंने विश्वविद्यालय के संबंध में अब तक की प्रगति की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शी हो।बताया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा छह सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किये जा रहे हैं, जिन्हें संबंधित विषय के विश्व-स्तरीय विद्वानों के मार्गदर्शन में संचालित किया जायेगा। साँची के पास विश्वविद्यालय का अस्थाई परिसर स्थापित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के लिये 353 पद का सृजन किया गया है। वर्तमान में पाठ्यक्रम निर्धारण का कार्य चल रहा है।बैठक में संस्कृति राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा , मुख्य सचिव एंटनी डिसा , कुलपति ड़ॉ. शशि प्रभा, अपर मुख्य सचिव वित्त अजय नाथ, प्रमुख सचिव संस्कृति के.के. सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव, आयुक्त पुरातत्व अजातशत्रु, संचालक संस्कृति रेणु तिवारी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।