5 फीसद काम के लिए 85 फीसद राशि का भुगतान
रिटर्निंग वॉल में ठेकेदार और विभाग की मिलीभगत
बीजापुर में जल संसाधन विभाग ने किसानों के खेतों में पानी पहुंचाने के उद्देश्य से मनरेगा के बजट पर ही पानी फेर दिया | निर्माण के 15 सालों में जिस नहर से एक बूंद भी पानी की सिंचाई किसानों के खेतों में नहीं हुई | अब उसमे रिटर्निंग वॉल के निर्माण के नाम पर सरकारी खजाने से 1 करोड़ रुपये फूंकने की तैयारी कर ली गई है |
उदवहन योजना के तहत नहर में रिटर्निंग वॉल का निर्माण किया जाना था | ठेकेदार द्वारा 5 फीसद काम किये बिना ही विभाग ने ठेकेदार को करीब 85 फीसद राशि का भुगतान कर दिया है | भोपालपटनम जनपद पंचायत के अर्जुनल्ली ग्राम पंचायत में उद् वहन योजना के तहत आज से 15 साल पहले निर्मित नहर के दोनों किनारों पर 1320 मीटर पर रिटर्निंग वॉल का निर्माण किया जाना था | फरवरी 2020 में ज़िला पंचायत द्वारा इस निर्माण कार्य के लिए जल संसाधन विभाग को कार्य एंजेसी बनाया गया था | महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत नहर के दोनों किनारों पर रिटर्निंग वॉल के लिए 1 करोड़ 5 लाख 34 हज़ार रूपये स्वीकृत किये गए थे | नहर के दोनों किनारों पर ठेकेदार द्वारा केवल 150 मीटर का आधा अधूरा गुणवत्ताहीन रिटर्निंग वॉल का निर्माण किया गया | मगर कमीशनखोरी के लालच में विभाग ने ठेकेदार को गैरकानूनी तरीके से 84 लाख 48 हज़ार का भुगतान कर दिया | मतलब साफ है कि 5 फीसद काम के लिए विभाग ने ठेकेदार सरकारी खजाने पर डाका डाला | हैरान कर देने वाली बात यह है कि जिस नहर में रिटर्निंग वॉल का निर्माण करवाया जा रहा है | उसका निर्माण 15 साल पहले किया गया था | ग्रामीण बताते हैं कि इस नहर से पिछले 15 सालों में आज तक एक बूंद पानी उनके खेतों तक नहीं पहुंचा है |
सत्ताधारी दल के स्थानीय जनप्रतिनिधि भी जल संसाधन विभाग पर रिटर्निंग वॉल के निर्माण में बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम देने का आरोप लगा रहे हैं | जल संसाधन विभाग के प्रभारी ई.ई. जे.पी. सुमन का कहना है कि कोरोना और लॉक डाउन की वजह से निर्माण कार्य बंद है | और साथ ही ई.ई. द्वारा ठेकेदार को मटेरियल सप्लाई का भुगतान किए जाने की बात कही जा रही.| जबकि निर्माण स्थल पर किसी भी तरह का मटेरियल नज़र नहीं आ रहा | ज़िला पंचायत CEO पोषणलाल चन्द्राकर का कहना है कि सामान्य सभा की बैठक में रिटर्निंग वॉल के निर्माण में किये भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी | जिसके बाद जल संसाधन विभाग के ई.ई. जे.पी. सुमन से स्पष्टिकरण मांगा गया है | साथ ही मामले की जांच के लिए जांच टीम भी गठित की गई है |