मेघदूतम ने मोहा सबका मन
प्रदेश के स्थापना दिवस के मुख्य आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। कलाकारों ने आयोजन की थीम ‘मेघदूतम’ को इस तरह पेश किया कि वहां मौजूद रहे दर्शकों का मन मोह लिया। इससे पहले मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार से भोपाल कलेक्टर सहित अन्य अफसरों को सम्मानित भी किया गया। मेघदूतम की शुरुआत कुबेर के दरबार से होती है। कुबेर रोजाना शिव पूजा के लिए मानसरोवर झील के कमल लाकर अल्कापुरी के शिवलिंग के ऊपर चढ़ाते थे। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी अपने दरबार के यक्ष को सौंप रखी थी, किंतु यक्ष सुबह के समय अपनी यक्षिणी के साथ रासलीला में व्यस्त रहता था। इस कारण वो कुबेर को किसी और समय तोड़े हुए बांसे फूल देता था। एक दिन यक्ष-यक्षिणी के साथ अपनी लीला में इतना मग्न रहता है कि उसे समय का पता ही नहीं चलता और उधर कुबेर पूजा के लिए कमल के फूलों के लिए परेशान होता रहता है। जैसे ही यक्ष को याद आता है कि वो कुबेर को फूल देना भूल गया है तो वो जल्दी से फूल लेकर जाता है और कुबेर को देता है। कुबेर काफी समय से फूलों के इंतजार में रहते हैं, लेकिन समय पर फूल न मिलने से नाराज होते हैं और जैसे ही यक्ष उन्हें फूल देता है तो एक भौंरा जो कमल के फूलों में बैठा रहता है उन्हें डंक मार देता है, जिससे क्रोधित होकर कुबेर यक्ष को चार महीने के लिए अल्कापुरी से निष्काषित कर देते हैं। इस शाप से यक्ष बहुत दुखी होता है, क्योंकि उसे अपनी यक्षिणी को छोड़कर जाना पड़ता है। यक्ष मेघ को दूत के रूप में नियुक्त कर उसे अल्कापुरी में यक्षिणी के पास भेजता है और उसे अपनी कुशलता का संदेश देता है।विशाल-शेखर ने बांधा समांमुंबई से प्रस्तुति देने आए मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर विशाल और शेखर ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत ‘बचना ए हसीनों, लो मैं आ गया...’ गाने से की। इस दौरान दर्शकों ने भी दोनों कलाकारों को निराश नहीं किया और उनका पूरा-पूरा साथ दिया। उसके बाद क्रमश: ‘एक मैं एक और तू है’, ‘दस बहाने करके ले गई दिल’, ‘बस प्यार का नाम न लेना आई हेट लव स्टोरी’ की प्रस्तुति दी। इस दौरान वीआईपी लाउंज में बैठी कुछ युवतियों ने वहीं नाचना शुरू कर दिया, जिसको इन दोनों की जोड़ी ने सराहा। इस दौरान पूरी प्रस्तुति से माहौल रंगीन हो गया। चारों ओर दोनों के उत्साहवर्धन के लिए युवा जोर-जोर से चिल्ला रहे थे, लेकिन जैसे ही यह जोड़ी पुराने गीतों की ओर वापिस लौटी तो युवाओं को लंबे समय तक रोक नहीं पाई। जैसे ही शेखर ने ‘लग जा गले’ से शुरुआत की तो युवाओं में उत्साह की कम स्पष्ट रूप से दिख रही थी। इस दौरान काफी लोग दोनों कलाकारों का उत्साहवर्धन कर रहे थे। उसके बाद ‘तुमको देखा तो ये ख्याल आया’ और फिर ‘तुम पुकार लो’ की प्रस्तुति दी। इस दौरान कई मौके ऐसे आए जब विशाल- शेखर अपने गाने गाते हुए नीचे तक आए और दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों के साथ गाने गाए।