महिला समूहों को मिला आय का साधन
सरगुजा जिले में स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार वर्मी कंपोस्ट की खरीदी किसानों द्वारा शुरू कर दी गई जिससे रासायनिक उर्वरक के बदले किसान अब वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करने के लिए उत्साहित नजर आ रहे हैं। किसानों द्वारा गुणवत्तायुक्त वर्मी कंपोस्ट की खरीदी अब तक विभागीय तौर पर की जा रही थी, एवं इससे स्व सहायता समूह की महिलाओं को अतिरिक्त आय का जरिया भी मिला है सरगुजा जिले के अंबिकापुर, उदयपुर, लखनपुर, मैनपाट, बतौली तथा लुंड्रा विकासखंड में दो-दो गोठान को आदर्श स्वरूप में विकसित किया जा रहा है। यहां वर्मी कंपोस्ट का निर्माण भी तेजी से कराया जा रहा है। बकायदा प्रयोगशाला से इसकी गुणवत्ता की जांच कराई जा रही है यहां एक किसान ने वर्मी कंपोस्ट की खरीदी कर जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाया है दूसरे किसानों को भी उसने रासायनिक उर्वरक की बजाए वर्मी कंपोस्ट उपयोग करने की सलाह देनी शुरू कर दी है
महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा ग्राम लीचिरमा स्थित गोठान में उच्च गुणवत्तायुक्त वर्मी कंपोस्ट खाद का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है,
संयुक्त रूप से इस काम को अंजाम देने वाली आशा स्वयं सहायता समूह एवं ज्योति स्वंय सहायता समूह द्वारा निर्मित वर्मी कंपोस्ट खाद को किसान हाथों हाथ ले रहे है।प्रथम चरण में स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित 15 क्विंटल केचुंआ खाद को पेटला के किसान अमित भगत को 10 रुपये किलो की दर से बेचा गया, जिससे गोठान समिति को 15 हजार रुपये की आमदनी हुई। इस अवसर पर नोडल गोठान शैलेंद्र विशी समेत गांव के सरपंच, उप-सरपंच, स्वयं सहायता समूह के सदस्य, गोठान समिति के अध्यक्ष एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।