पूर्व मंत्री के अवैध निर्माण को नहीं तोड़े जाने पर सवाल
रीवा में परशुराम आश्रम को तोड़े जाने के बाद अब आस्था के नाम पर राजनीति शुरू हो गई है | लोग सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं | वहीँ कांग्रेस पार्टी के ने भाजपा सरकार का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया | और कहा की आश्रम के ठीक बगल में पूर्व मंत्री और विधायक राजेंद्र शुक्ला का वेयरहाउस भी अवैध रूप से संचालित है | जिसको प्रशासन के द्वारा नहीं गिराया गया है | यह कार्यवाई द्वेष पूर्वक की गई है |
रीवा के इटौरा बाईपास में स्थित परशुराम आश्रम को तोड़े जाने से आम जनता में प्रशासन और स्थानीय विधायकों के खिलाफ काफी रोष है | जनता ने अपने अपने स्तर पर इसका विरोध जताया है | कांग्रेस पार्टी ने रीवा के मुख्य बाजार शिल्पी प्लाजा में भाजपा सरकार का पुतला दहन किया | और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा की यह कार्यवाई द्वेष पूर्ण की गई है | जो की गलत है | अगर अतिक्रमण के विरुद्ध ही कार्यवाई करनी थी तो आश्रम के ठीक बगल में विधायक राजेंद्र शुक्ला का वेयरहाउस अवैध रूप से बना हुआ है | उस पर कार्यवाई क्यों नहीं की गई |
कांग्रेस नेताओं ने कहा की ब्राह्मण कुलश्रेष्ठ और हिंदुओं कि आस्था रहे परशुराम भगवान के आश्रम को गिराकर प्रशासन ने एकतरफा कार्यवाई की है | गौरतलब है की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा माफियाओं पर कार्रवाई करने को लेकर बीते दिनों आदेश जारी किया गया था | जिसके बाद रीवा जिला प्रशासन सक्रिय हुआ तथा अतिक्रमण के नाम पर परशुराम आश्रम को तोड़ दिया था | लेकिन अब प्रशासन की इस एकतरफा कार्यवाई के विरोध में जनता ने अपना मत साफ़ कर दिया है |