परशुराम की जन्म-स्थली जानापाव में बनेगा शोध संस्थान
परशुराम की जन्म-स्थली जानापाव में बनेगा शोध संस्थान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इंदौर जिले में भगवान परशुराम की जन्म-स्थली जानापाव में शोध संस्थान स्थापित होगा। परशुराम जयंती पर जानापाव में समारोह में चौहान ने कहा कि इस स्थान को प्रमुख तीर्थ-स्थल एवं पर्यटन-केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा। जानापाव के सर्वांगीण विकास के लिये पर्यटन, वन सहित अन्य विभागों के माध्यम से समन्वित कार्य-योजना बनायी जायेगी। समारोह की अध्यक्षता नगरीय विकास और पर्यावरण मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने की।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भगवान परशुराम ने हमें अधर्म एवं अन्याय से लड़ने की प्रेरणा दी। सम्पूर्ण मानवता के कल्याण एवं शांति के लिये कार्य कर धर्म की स्थापना की। उनके सिद्धांत को जन-जन तक पहुँचाया जायेगा। भगवान परशुराम के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की जानकारी देने के लिये जानापाव में भव्य भवन बनाया जायेगा। यह भी प्रयास किये जायेंगे कि लाईट एवं साउण्ड-शो के माध्यम से उनका जीवन वृत्तांत लोगों तक पहुँचे। श्री चौहान ने कहा कि जानापाव में शोध संस्थान और एक नया कुण्ड बनाया जायेगा। यहाँ की पहाड़ी पर सघन वृक्षारोपण होगा। यहाँ निर्मित आवासगृह का नामकरण स्वर्गीय श्री अशोक पाटीदार के नाम पर किया जायेगा। हमारा प्रयास है कि भगवान परशुराम की जन्म-स्थली जानापाव प्रमुख तीर्थ-स्थल एवं पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित हो। इसके लिये वन, पर्यटन तथा अन्य संबंधित विभागों के माध्यम से समन्वित कार्य-योजना तैयार की जायेगी। उन्होंने कहा कि जानापाव के नदियों के उदगम-स्थल पर साढ़े सात नदियों को पुनर्जीवित करने की संभावनाएँ पता कर भविष्य में कार्य-योजना बनायी जायेगी।श्री कैलाश विजयवर्गीय ने जन्म-स्थली में राज्य सरकार द्वारा करवाये जा रहे विकास कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रयास यह है कि सलकनपुर की तर्ज पर ही परशुराम महाराज की जन्म-स्थली का विकास हो। उन्होंने कहा कि जानापाव में जन-सहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण किया जायेगा। आधारभूत संरचनाओं और मूलभूत सुविधाओं का विकास राज्य शासन करेगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के चोरल, पातालपानी और जानापाव को प्रमुख पर्यटन-केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके पूर्व हृदयेश दीक्षित ने स्वागत-भाषण दिया। कार्यक्रम को रमेश शर्मा, डॉ. के.के. पाण्डे, आलोक दुबे आदि ने भी सम्बोधित किया।प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने धर्मपत्नी साधना सिंह के साथ जानापाव में बने मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने यज्ञ में पूर्णाहुति भी दी। उन्होंने ब्रह्मकुण्ड का अवलोकन कर आचमन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान की पहल पर जानापाव तीर्थ-स्थली के रूप में विकसित हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा सन् 2008 में की गयी घोषणा मूर्तरूप लेने लगी है। घोषणा को पूर्ण करने के लिये स्वीकृत 11 करोड़ में से 7 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य पूर्ण हो गये हैं।