शिप्रा कांच की तरह दमकती नजर आएगी
घाटों पर डिस्प्ले होगी गुणवत्ता सिंहस्थ महापर्व के दौरान शिप्रा कांच की तरह दमकती नजर आएगी। महज 45 दिनों में शिप्रा की ओजोनेशन तकनीक से सफाई होगी। नोएडा की कंपनी को इसके लिए 9.80 करोड़ का ठेका मंजूर हुआ है। जो विशेष मशीनों के जरिए त्रिवेणी से मंगलनाथ घाट तक शिप्रा के पानी को कांच की तरह व उसमें मानक मात्रा में ऑक्सीजन बनाए रखने का जिम्मा संभालेगी।मंगलवार को मेयर इन काउंसिल की बैठक में कुछ मेंबरों के आंशिक विरोध के बीच प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली। इसी के साथ उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड व स्पेशल प्रपोजल व्हीकल (एसपीवी) गठन, सेमी डीलक्स शौचालय बनाने सहित करोड़ों रुपए के निर्माण कार्यों को स्वीकृति दी गई। महापौर मीना जोनवाल की अध्यक्षता में हुई एमआईसी बैठक में जलकार्य समिति प्रभारी कलावती यादव व स्वास्थ्य समिति प्रभारी सत्यनारायण चौहान ने ओजोनेशन तकनीक पर अफसरों से सवाल-जवाब किए और कम समय के लिए इतनी राशि खर्च करने का कारण पूछा। बैठक बाद संबंधित कंसल्टेंट ने ओजोनेशन सफाई का प्रजेंटेशन दिया और इसे कारगर बताया। ठेका नोएडा की वीआरसी कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड को मिला है। आयुक्त अविनाश लवानिया ने कहा प्रोजेक्ट साधिकार समिति से मंजूर है, तभी टेंडर निकाले। बैठक में दुर्गा चौधरी, डॉ. योगेश्वरी राठौर, राधेश्याम वर्मा, मांगीलाल कड़ेल, नीलूरानी खत्री, आरती जीवन गुरु आदि उपस्थित रहे।आजोनेशन तकनीक में विशेष प्रकार की तैरने वाली मशीनों से विभिन्न घाटों पर पानी की आधुनिक सफाई होगी। जहां पानी की जो गुणवत्ता रहेगी वहां घाटों पर उसका डिस्प्ले होगा। पहली बार इस तरह का प्रयोग हो रहा है। उक्त कंपनी मशीनांे को निगम को हैंडओवर करेगी। बाद में भी इनका उपयोग हो सकेगा। दावा है कि इस तकनीक से पानी कांच की तरह साफ व आचमन योग्य बना रहेगा।