अच्छे स्वास्थ्य और प्रबंधन का आधार है अध्यात्म
अच्छे स्वास्थ्य और प्रबंधन का आधार है अध्यात्म
भोपाल में वैचारिक महाकुम्भ अच्छे स्वास्थ्य और प्रभावी प्रबंधन का आधार अध्यात्म है। भारत के प्राचीन विज्ञान में आयुर्वेद और योग को स्वस्थ रहने का वैज्ञानिक आधार बताया गया है। आयुर्वेद और योग एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। पर प्रभावी प्रबंधन का आधार अध्यात्म है। गीता और आध्यात्मिक विषयों पर लिखे ग्रंथों में प्रभावी प्रबंधन के गुर बताये गये हैं। यह विचार विज्ञान एवं अध्यात्म पर चल रहे तीन-दिवसीय वैचारिक कुम्भ के दूसरे दिन आज दो अलग-अलग सत्र में वैज्ञानिकों और अध्यात्म जगत के विद्वानों ने रखे। प्रथम सत्र 'स्वास्थ्य विज्ञान एवं आध्यात्मिकता'' तथा दूसरा सत्र 'प्रबंधन विज्ञान एवं आध्यात्मिकता'' पर केन्द्रित था।स्वास्थ्य विज्ञान सत्र में एम्स, नई दिल्ली की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रामा जयासुन्दर ने कहा कि वर्तमान में बीमारियाँ बढ़ने के साथ औषधियों के मूल्य में भी वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य की पुरानी परिभाषा के अनुसार बीमारियों से पूरी तरह मुक्त व्यक्ति ही स्वस्थ है। इस परिभाषा के दायरे में अब शरीर के साथ मन को भी शामिल कर लिया गया है। आज के दौर में बीमारियों का इलाज 'सेलुलर लेबल' पर हो रहा है। मालीक्यूलर मेडिसिन आ गयी है। उन्होंने आयुर्वेद के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह जीवन का विज्ञान है। आयुर्वेद में तन और मन दोनों की चिकित्सा पर जोर दिया गया है। डॉ. जयासुन्दर ने आध्यात्मिक स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए वात, पित्त, कफ (वीकेपी) की अन्य चिकित्सा पद्धतियों से तुलना करते हुए वैज्ञानिक पहलुओं का उल्लेख किया।एस. व्यासा, बैंगलुरु की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. आर. नागरत्ना ने कहा कि आधुनिक जीवन-शैली से जुड़ी बीमारियों का आध्यात्मिक-स्तर पर समाधान हो सकता है। उन्होंने बतलाया कि जीवन-शैली के चार मुख्य घटक- आहार, व्यायाम, आदतें और तनाव है, लोगों की सेहत पर जंक फूड का प्रभाव रिसर्च प्रोजेक्ट की चर्चा करते हुए उन्होंने बतलाया कि अस्थमा के मरीज के इलाज में 'इनहेलर' और 'ओम' का प्रयोग करने पर 'ओम' द्वारा पीड़ित व्यक्ति धीरे-धीरे सामान्य साँसें लेने लगा। यह आध्यात्मिक चिकित्सा का चमत्कारिक उदाहरण है।इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस, कोलकाता के सीनियर प्रोफेसर डॉ. शांतनु भट्टाचार्य ने हेल्थ-केयर में अध्यात्म की भूमिका पर अपने व्याख्यान में जानकारी दी कि भारत आस्थाओं, पूजा-पाठ और धार्मिक परम्पराओं का देश है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के छ: घटक में आध्यात्मिक स्वास्थ्य को शामिल करने से हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक स्वास्थ्य आस्थाओं और मूल्यों पर आधारित है। डॉ. भट्टाचार्य ने एक शोध अध्ययन के हवाला से बताया कि 66 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी अध्यात्म है।प्रबंधन विज्ञान एवं आध्यात्मिकता सत्र में भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलुरु के प्रो. के.वी. अखिलेश और प्रो. बी. महादेवन तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर के प्रो.के.पी. सिंह ने व्याख्यान दिये। सत्र की अध्यक्षता प्रो. के.बी. अखिलेश ने की।