सिंहस्थ से मध्यप्रदेश पर्यटन को मिलेगी नई पहचान
अगले माह से उज्जैन में शुरू हो रहे सिंहस्थ महाकुंभ में प्रदेश के पर्यटन स्थलों की जानकारी देने के लिए पर्यटन निगम प्रदर्शनी लगाने की योजना पर काम कर रहा है। इस प्रदर्शनी में प्रदेश के ऐतिहासिक, धार्मिक एवं अन्य तरह के पर्यटक केंद्रों की तस्वीरों के साथ ही उनके बारे में पूरी जानकारी का उल्लेख होगा। प्रदर्शनी देखकर श्रद्धालुओं को प्रदेश के पर्यटन स्थलों की पूरी जानकारी एक ही स्थान पर मिल सकेगी। पर्यटन निगम के नवनियुक्त अध्यक्ष तपन भौमिक के मुताबिक कुंभ में देश-विदेश से 5 करोड़ पर्यटकों के आने की उम्मीद है। चर्चा में उन्होंने सवालों के खुलकर जवाब दिए।– सवाल: राजनीति में दो तरह के लोग होते हैं, पहले वो लोग जो चुनाव लड़कर राजनीति में आते हैं और दूसरे वे लोग जो बिना चुनाव लड़े ही राजनीति में पावरफुल हो जाते हैं, जैसे आप? आपकी राजनीति में और आपकी संस्था के प्रति भावना क्या है और प्राथमिकताएं क्या हैं?जवाब: मैं शुरू से ही सतत रूप से संगठन में ही रहा, मुझे संघ में और सार्वजनिक जीवन में काम करते हुए 40 साल हो गए। मैं 1977 से संघ में काम कर रहा हूं। मुझे जो जिम्मेदारी मिली है वो वास्तव में मुझे मेरी रूचि के हिसाब से मिली है। मुझे प्रदेश नेतृत्व ने संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पर्यटन विकास निगम का काम दिया है, यह विभाग वास्तव में मेरी रुचि का है और मुझे इसमें काम करने में आनंद की अनुभूति भी हो रही है।– सवाल: मध्यप्रदेश के पर्यटन के विकास को लेकर क्या योजना है?जवाब: मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम पहले से ही अच्छी स्थिति में है, मध्यप्रदेश का देश में तो अच्छा नाम है और देश में इस निगम को मध्यप्रदेश के पर्यटन का पहले, दूसरे स्थान पर नंबर रहा है। विश्व पटल पर मध्यप्रदेश के पर्यटन को लाने के लिए हम कार्यरत हैं और इसके लिए हम कार्ययोजना बना रहे हैं। निगम के विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री की भी विशेष रूचि है। निश्चित रूप से यह निगम पर्यटन के क्षेत्र में बहुत आगे जाएगा और विश्व पटल पर इसका नाम होगा।– सवाल: प्रदेश में विश्व स्तर पर सिंहस्थ का महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है, यदि हम पर्यटन और सिंहस्थ को जोड़कर देखें तो पर्यटन विकास निगम की सिंहस्थ में क्या भूमिका है?जवाब: मध्यप्रदेश में सिंहस्थ शुरू होने जा रहा है, इसमें मध्यप्रदेश के तीन विभाग जिसमें जनसंपर्क विभाग, संस्कृति विभाग और पर्यटन इनका सबसे बड़ा योगदान अब सिंहस्थ में शुरू होने जा रहा है। इसके पहले पीडब्ल्यूडी, पीएचई विभाग की अहम जिम्मेदारी थी। जिसमें सड़क निर्माण करना और शुद्ध जल की व्यवस्था करने के काम को प्राथमिकता से पूरा किया गया। अब इसके प्रचार-प्रसार का काम जनसंपर्क को दिया गया है और सिंहस्थ के दौरान जितने भी सांस्कृतिक आयोजन होंगे, वे सब सांस्कृतिक विभाग के द्वारा किए जाएंगे। इसके अलावा मध्यप्रदेश शासन के निमंत्रण पर जितने भी अतिथि कुंभ में आएंगे, उनके रुकने, खाने-पीने व आने-जाने की व्यवस्था करने का पर्यटन विकास निगम को करना है। इसमें विश्व के 102 देशों के प्रतिनिधि भाग लेने के लिए आ रहे हैं। अभी तक के भारत में जितने भी सिंहस्थ हुए हैं, हम इसे सबसे बड़े सिंहस्थ के रूप में स्थापित कर पाएंगे। सिंहस्थ के लिए केंद्र सरकार ने भी विशेष सहयोग प्रदान किया है, जिसमें नई रेल लाइन और स्टेशनों के विस्तार और स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की है। अभी तक इलाहाबाद का कुंभ सबसे बड़ा माना जाता था, लेकिन उज्जैन कुंभ की तैयारियों का जो फीडबैक आ रहा है, उससे लग रहा है कि यह विशालतम रहेगा। इसके अलावा मध्यप्रदेश शासन ने भी उज्जैन के आसपास इंदौर, देवास, शाजापुर, राजगढ़ यहां पर भी शासन ने डेवलपमेंट की अच्छी राशि दी है जिससे यातायात बस स्टेंड की अच्छी व्यवस्था की जा सके।– सवाल: कुंभ का जो विशाल पर्व होने जा रहा है उसमें विश्व और देशभर के कितने श्रद्धालुओं के आने का लक्ष्य रखा है?जवाब: इसमें विश्वभर से करोड़ों श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। हमारा जो लक्ष्य है, उसमें 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आएंगे। इसमें दो शाही स्नान पड़ेंगे, दोनों ही शाही स्नान में एक-एक करोड़ लोग स्नान करेंगे। इसमें पुलिस और अन्य शासकीय विभाग के लोग व्यवस्था में रहेंगे। इसके अलावा मध्यप्रदेश शासन के निमंत्रण पर जो लोग आएंंगे उनकी सारी व्यवस्था पर्यटन विकास निगम करेगा।-सवाल: सिंहस्थ के लिए मध्यप्रदेश शासन ने कोई स्पेशल बजट का प्रावधान किया है यदि किया है तो मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक ने कहा कि खंडवा के हनुवंतिया में आयोजित जल महोत्सव में पर्यटकों की रूचि को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वाटर स्पोर्टस की अगले साल से एक महीने तक चलने की बात कही है। अगले साल से 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक जलोत्सव चलेगा और भोपाल में भी राजाभोज एडवेंचर्स आयोजित किया गया। इसका नाम ही हमने रखा था झील से आकाश तक। इसमें भी पर्यटकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, इसे भी हम अगले साल से स्थाई करेंगे।निगम की जमीन को लीज पर ले सकेंगे निवेशकपर्यटन विकास निगम पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए निवेशकों को होटल और रेस्टोरेंट खोलने के लिए जमीन लीज पर देगा। इसमें निवेशकों को शासकीय अनुमति मिलने में आने वाली परेशानियों को भी निगम दूर करेगा और उनका सहयोग करेगा।