एमपी की सेहत सुधारने की कवायत
एमपी की सेहत सुधारने की कवायत
एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्री-परिषद् की बैठक में प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के अहम फैसले हुए। मंत्री-परिषद् ने राज्य की 12 हजार 70 आँगनवाड़ी में कार्यरत उप-आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मासिक मानदेय 1500 रुपये से बढ़ाकर 2250 रुपये करने का फैसला लिया। इसके साथ ही ग्रामीण नल-जल योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन के लिये विधायक निधि के उपयोग को भी मंजूरी दी गई। मंत्री-परिषद् ने कृषि के समग्र विकास और खेती को लाभकारी बनाने के उद्देश्य से कृषि क्षेत्रक मामलों की समिति तथा कृषि केबिनेट के पुनर्गठन को भी मंजूरी दी।20 स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन और नये पदों का सृजनप्रदेश में शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन के लिये 30 बिस्तरीय 3 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन, 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल के रूप में किये जाने को मंजूरी दी गई है। इनमें भिंड जिले के लहार, मुरैना के सबलगढ़ और रायसेन जिले का बरेली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामिल हैं। इसी तरह 14 उप-स्वास्थ्य केन्द्र को 6 बिस्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन करने का निर्णय लिया गया। इनमें सीहोर जिले का वीरपुर डेम और गोपालपुर, दमोह का तेजगढ़, सागर का भानगढ़, शिवपुरी का छर्च, बड़वानी का धवली, बालाघाट का सालेटेका, रीवा का डिहिया और भोलगढ़, मुरैना का किरयाच, भिण्ड का मछण्ड, सिंगरोली का लमसरई और बगैया तथा कटनी का ढ़ीमरखेड़ा शामिल हैं। इसके अलावा एक 6 बिस्तरीय नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ग्राम चीताखेड़ जिला नीमच में खोले जाने और 2 नये उप-स्वास्थ्य केन्द्र शाजापुर जिले के ग्राम ढाबला घौंसी और रायसेन जिले के तुलसीपार में खोले जाने की मंजूरी भी दी गई।उपरोक्त सभी 20 स्वास्थ्य संस्था के उन्नयन एवं स्थापना के साथ-साथ वहाँ निर्धारित मापदंड के अनुसार 226 अतिरिक्त पद के सृजन को भी मंजूरी दी गई है। मंत्री-परिषद् ने इसके साथ ही इंदौर शहर में पूर्व से संचालित सिविल डिस्पेन्सरी, मनोरोग चिकित्सालय परिसर को बाणगंगा कुंड क्षेत्र में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। इसी प्रकार सिविल डिस्पेन्सरी, रेडियो कॉलोनी इंदौर को मूसाखेड़ी में और जबलपुर के गोरखपुर स्थित सिविल डिस्पेन्सरी को शांति नगर में स्थानांतरित किये जाने को भी मंजूरी दी गई।उप-आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय अब 2250 रुपयेमंत्री-परिषद् ने आईसीडीएस योजना में संचालित 12 हजार 70 उप आँगनवाड़ी केन्द्र में कार्यरत उप आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मासिक मानदेय 1500 से बढ़ाकर 2250 रुपये करने का निर्णय लिया गया। मानदेय में बढ़ोत्तरी का लाभ एक अप्रैल 2014 से मिलेगा।मंत्री-परिषद् ने मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जाने पन्ना जिले के शाहनगर की समूह जल प्रदाय योजना के लिये रुपये 55 करोड़ 2 लाख का प्रशासकीय अनुमोदन दिया है। यह परियोजना बुंदेलखंड विकास विशेष पेकेज एवं राष्ट्रीय पेयजल कार्यक्रम में संचालित होगी। इस परियोजना से 25 गाँव की 50 हजार ग्रामीण आबादी को लाभ मिलेगा।मंत्री-परिषद् ने प्रदेश की ग्रामीण नल-जल योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन के मकसद से जन-भागीदारी के साथ-साथ अब विधायक निधि के उपयोग को भी स्वीकृति दी है।सेवानिवृत्त सैनिकों को अब दो वर्ष की संविदा नियुक्तिमंत्री-परिषद् ने मध्यप्रदेश पुलिस में भारतीय सेना के सेवानिवृत्त सैनिकों को विशेष सहयोगी पुलिस के रूप में अनुबंधित करने के संबंध में गत 31 अगस्त 2010 को लिये गये निर्णय में संशोधन को मंजूरी दी। अब ऐसे सेवानिवृत्त सैनिकों की संविदा नियुक्ति के लिये आयु-सीमा 45 के बदले 50 वर्ष की गई है तथा संविदा नियुक्ति की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर 2 वर्ष करने का निर्णय लिया गया है।अन्य निर्णयमंत्री-परिषद् ने बीड़ी मजदूरों के जीवन-स्तर को बेहतर बनाने तथा रोजगार के अवसर और मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिये समिति का गठन किया है। इसमें वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव, श्रम मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य तथा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री शरद जैन शामिल हैं। प्रमुख सचिव श्रम समिति के सचिव होंगे।मंत्री-परिषद् ने मध्यप्रदेश जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) की पुनर्संरचना को भी मंजूरी दी है। वाल्मी की नवीन संस्थागत व्यवस्था में दो स्कूल की स्थापना को मंजूरी दी गई है। इनमें वाल्मी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन एवं ग्रामीण विकास स्कूल और वाल्मी सैंच्य क्षेत्र विकास स्कूल की स्थापना शामिल है। यह स्कूल क्रमश: पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा जल संसाधन की जरूरतों की पूर्ति के लिये स्वतंत्र इकाई के रूप में कार्य करेंगे। इन स्कूल में संकाय सदस्यों के 68 नवीन पद को भी मंजूरी दी गई।