मप्र कर्मचारी कांग्रेस ने पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में ज्ञापन सौंप
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जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा सुनाये गये फैसला ‘पदोन्नति में आरक्षण’ के समर्थन में बुधवार की दोपहरी में मप्र कर्मचारी कांग्रेस   के प्रतिनिधि मण्डल ने ग्वालियर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन जिलाधीश कार्यालय में एसडीएम को सौंपा। इसके अलावा 21 सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिये पत्र सौंपा। मप्र कर्मचारी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रवीन्द्र त्रिपाठी ने अपने कर्मचारियों के साथ नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए जिलाधीश कार्यालय पहुंचे ।
सुप्रीम कोर्ट कैविएट दायर
मप्र सामान्य जाति एवं पिछड़ा वर्ग अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण द्विवेदी एवं प्रान्तीय प्रवक्ता लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि मोर्चा से जुडे़ घटक संगठन सजाकस के सर्व श्री इंजीनियर आरबी राय, पीसी जैन, पीएचई      डॉ केएस तोमर पशु  िचकित्सा     विभाग ने    आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय में केविएट दायर कर दी है। विदित है कि माननीय मप्र हाईकोर्ट जबलपुर ने पदोन्नति में दिये गये आरक्षण को असंबेधानिक करार देते हुए मप्र सरकार द्वारा वर्ष 2002 में बनाये गये पदोन्निित नियमों को पारित करते हुए वर्ष 2002  से पदोन्नति में दिये गये आरक्षण को वापिस ले लिया जाये जिससे 15 हजार कर्मचारियों अधिकारियों को दी गयी पदोन्नति वापिस ले होगीं ।
जिला प्रशासन बगैर अनुमति के निकाली रैली
अजाक्स के जिलाध्यक्ष मुकेश मौर्य ने सरकार से प्रमोशन में आरक्षण की नीति को सुधारने के लिये जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने के लिये रैली निकालने की अनुमति मांगी थी ।
एडीएम शिवराज वर्मा ने अजाक्स के आवेदन पर एसपी के पास अभिमत के लिये भेजा था, लेकिन पुलिस का कोई अभिमत नहीं आने के कारण रैली को अनुमति नहीं दी गयी ।
अजाक्स कार्यकर्ता इसके बावजूद रैली की शक्ल में ठाटीपुर से कलेक्ट्रेट तक गए। कानूनविद् एवं प्रशासनिक अफसर यह मानकर चल रहे हैं कि सरकार को ज्ञापन के बहाने यह रैली हाईकोर्ट के आदेश का विरोध है। रैली का आयोजन सीधे तौर पर हाईकोर्ट की अवमानना माना जरहा है। 
 
मध्यप्रदेष सामान्य जाति एवं पिछडा वर्ग अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेष अध्यक्ष अरूण द्विवेदी एवं प्रांतीय प्रवक्ता लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि मोर्चा से जुडे घटक संगठन सजाकस के सर्वश्री इंजीनियर आर. बी. राय, पी.सी. जैन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं डाॅ के.एस. तोमर पशु चिकित्सा विभाग ने आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय में केवीयेट दायर कर दी है ।  
 विदित है कि माननीय मध्यप्रदेष हाइर्कोट जबलपुर ने आज एक ऐतहासिक फैसला करते हुए पदोन्नति में दिये गये आरक्षण को असंवेैधानिक करार देते हुए मध्यप्रदेष सरकार द्वारा वर्ष 2002 में बनाये गये पदोन्नति नियमों को खारित करते हुए वर्ष 2002 से पदोन्नति में दिये गये आरक्षण को वापस ले लिया है जिससे 15 हजार कर्मचारी अधिकारियों को दी गई पदोन्नति वापस लेनी होगी । मुख्य न्यायाधीन अजय माणिकराव खानविलकर करी प्रिंसिपल बैंच ने केवल नियुक्ति में दिये जा रहे आरक्षण को बैध माना है ।
मध्यप्रदेष सरकार इस फैसले के विरूद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण दायर करने की घोषणा कर चुके है इसी के दृष्टिगत उक्त केवियेट दायर की गई है ।