खटिया में महिला मरीज को ले जाना पड़ा अस्पताल
सड़क नहीं होने की वजह से नही आती हैं एंबुलेंस
हम यूं ही नहीं कहते एमपी अजब है | वाकय गजब है | विकास के बड़े बड़े दावों की पोल खोलती तस्वीरें अनूपपुर से सामने आई है | खाल्हे धबई गाँव में आज भी सड़क और एम्बुलेंस के अभाव में अस्पताल तक जाने के लिए मरीज को खटिया में लादकर ले जाना पड़ता है | बताया जा रहा है की इस गाँव को राजस्व ग्राम का दर्जा मिला हुआ है | इसी वजह से जिम्मेदार सड़क निर्माण के लिए इसकी टोपी उसके सर डालते रहते हैं |
ये तस्वीरें प्रदेश को शर्मशार कर देने वाली तस्वीरें हैं | ये तस्वीरें उस भरोसे को भी तार तार करती हैं | जो नेता चुनाव के वक्त जनता से करते हैं | मामला अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ के खाल्हे धवई गांव का है | जहाँ सड़क न होने की वजह से एक महिला मरीज को उनके परिवार के लोग खटिया में अस्पताल ले गए | बताया जा रहा है की महिला की हालत खराब हो रही थी | जिसके बाद महिला की हालत बिगड़ती देख परिजनों ने खाट पर ही महिला को लिटाकर कंधों के सहारे मुख्य सड़क तक ले जाने का निर्णय लिया | और 4 किमी कीचड़ भरे रास्ते से महिला को खाट में लादकर मुख्य मार्ग तक ले गए | . लेकिन जब वे मुख्य मार्ग तक पहुंचे तो वहां भी उन्हे एंबुलेंस नसीब नहीं हुई। और वो सवारी ऑटो में महिला को बैठा क़र प्राथमिक स्वस्थ केंद्र बेनीबारी ले गए | . दरअसल इस गांव की खराब सड़क के कारण कोई भी मेडिकल सुविधा इस गांव तक नहीं पहुंच पाती है | यही कारण हैं कि इस गांव के लोगों को एंबुलेंस की सुविधा को लेने के लिए भी घर से 4 किमी पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक आना पड़ता है | मरीज मजबूरी में जान जोखिम में डालकर भगवान भरोसे अस्पताल पहुंचते हैं | लेकिन जिम्मेदार ऐ सी में बैठकर कागजों पर प्रदेश का विकास करते हैं | ये शर्म की बात है की आजादी के इतने सालों बाद भी शासन लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने में असमर्थ है | बताया ये भी जा रहा है की राजस्व ग्राम का दर्जा न होने के कारण इस गाँव में सड़क नहीं बनाई गई |