शिवराज सरकार की पीएचई मंत्री बेतुके बयानों और कामों के लिए कुख्यात होती जा रहीं हैं। एक मासूम गरीब बच्चे को लात मारने और फिर उसे शराबी बताने का विवाद उनके साथ जुड़ा ही है, अब एक नया विवाद जुड़ गया। मप्र की पीएचई मंत्री कुसुम मेहदेले का कहना है कि पेयजल का प्रबंधन सरकार का नहीं भगवान का काम है। याद दिला दें कि पीएचई वह विभाग है जिसका काम ही पेयजल प्रबंधन है।
पेयजल संकट से जूझ रही शिवपुरी में जब मीडिया ने प्रभारीमंत्री से पूछा कि सिंध का पानी यहां कब तक मिलेगा, मंत्री कुसुम मेहदले कहती हैं, नहीं मिलेगा.. पानी, भगवान जब बरसाएगा तब पानी मिलेगा. हम कितने ही पंप बढ़ा दें, कितने ही मोटर डाल दें. जब धरती के अंदर पानी नहीं है, जल स्रोत सूख गए. नदी-नाले सूख गए हैं तो पानी बनाने की कोई मशीन नहीं है। ”
कुसुम के विभाग के पास ही पानी पहुंचाने का काम है। मध्य प्रदेश में सूखे का ये आलम है कि 23 जिले सूखे से प्रभावित हैं और करीब 50 लाख किसान सूखे से प्रभावित हैं। जिन कुसुम मेहदले के बोल आपने सुने उनका पन्ना जिला सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित है।