छत्‍तीसगढ़ में किसानों का प्रेरणादायी प्रयोग
  e-marketing

 किसानों ने बढ़ाई ई-मार्केटिंग से आमदनी

 

छत्तीसगढ़ के छोटे से जिले जशपुर के सन्ना क्षेत्र के किसानों ने अपनी मेहनत की कमाई को दलालों के हाथ में कम दाम पर बेचने की परंपरागत व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए वैकल्पिक प्रबंध कर लिया है। यह दो पीढ़ियों का संगम है, जिसके तहत करीब एक हजार किसान एकजुट हुए , और दलालों को औने-पौने दाम पर बिकने वाली उपज अब ई-मार्केटिंग के जरिए बाजार की उच्चतम कीमत पर बिक रही है।अब तक यही होता आया था कि फसल लगाने के दौरान ही आसपास के जिलों और पड़ोसी राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश के दलाल किसानों से संपर्क कर लेते थे। बाजार की वास्तविक स्थिति के बारे में जागरूक नहीं होने के कारण किसान आसानी से दलालों के चंगुल में आ जाते थे और औने-पौने भाव में ही अपनी उपज बेच देते थे।एक हजार किसान हैं, जो ई-मार्केटिंग अपनाकर आर्थिक रूप से समृद्ध हो चुके हैं। चालू वर्ष में ही किसानों ने ई-मार्केटिंग के माध्यम से एक करोड़ रुपये मूल्य से अधिक के मिर्च और टमाटर बेचे हैं। फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशंस (एफपीओ) के माध्यम से युवा किसान आनलाइन मंडियों के भाव पर नजर रखते हैं तथा बोली लगाकर सौदा भी कर रहे हैं।