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अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले को लेकर अमित जोगी का रमनपुत्र पर वार
 विधायक अमित जोगी
 
अमित ने लिखा लोकसभा अध्यक्षा महाजन को पत्र
 
 
छत्तीसगढ़ के  मुख्यमंत्री रमन सिंह एवं उनके सांसद पुत्र अभिषेक सिंह के विरुद्ध अगस्ता वेस्टलैंड, पनामा लीक मामले में तीन अहम खुलासे करने के बाद मरवाही विधायक अमित जोगी ने  इस मामले से जुड़े एक और गंभीर विषय पर आपत्ति जताई। भाजपा द्वारा सांसद अभिषेक सिंह को संसद की लोकलेखा समिति का सदस्य बनाने पर आपत्ति दर्ज करते हुए, मरवाही विधायक अमित जोगी ने आज लोकसभा अध्यक्षा  सुमित्रा महाजन एवं लोकलेखा समिति के अध्यक्ष सांसद केवी थॉमस को पत्र लिखकर अभिषेक सिंह की सिमिति से सदस्यता रद्द करने की मांग की। चूँकि संसद की लोकलेखा समिति अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले की जांच करेगी, अमित जोगी ने लोकसभा अध्यक्षा को लिखे अपने पत्र में कहा है कि यह नैतिक आचरण का अहम प्रशन है कि संसद की लोकलेखा समिति में एक ऐसे सदस्य का होना जिनके पिता उस सरकार के मुख्यमंत्री हों और जिनकी सरकार पर अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में गड़बड़ियाँ स्वयं राज्य के महालेखाकार ने अपनी जांच में पायी हो। 
 
 इस विषय के संबंध में अमित जोगी ने कहा कि भारतीय सांसद की सबसे पुरानी एवं महत्वपूर्ण समितियों में से एक, "लोकलेखा समिति" (Public Accounts Committee) का पुनर्गठन दिनांक 01 मई 2016 को माननीय सांसद प्रो के.वी. थॉमस जी की अध्यक्षता में किया गया है।  22 सदस्यीय लोकलेखा समिति में छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद एवं मुख्यमंत्री माननीय रमन सिंह जी के पुत्र अभिषेक सिंह भी हैं। इस वर्ष के अपने कार्यकाल के दौरान संसद की लोकलेखा समिति अन्य विषयों के साथ, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर खरीदी घोटाले की भी जांच करेगी। अगस्ता हेलीकाप्टर खरीदी में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के तार छत्तीसगढ़ से भी जुड़े हैं जिसका छत्तीसगढ़ के महालेखाकार ने वर्ष 2011 की कैग रिपोर्ट में साफ़ उल्लेख किया है।  इस पूरे मामले में अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में हाल ही में हुए कुछ चौंकाने वाले दस्तावेजी खुलासों में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह एवं उनके सांसद पुत्र अभिषेक का नाम उजागर हुआ है। मुख्यमंत्री एवं उनके पुत्र पर अगस्ता के सौदे से मिले कमीशन के पैसों को विदेशी बैंकों में भेजने के गंभीर आरोप हैं। 
 
जोगी ने कहा कि इन परिस्थितियों में सांसद अभिषेक सिंह का एक सदस्य के रूप में लोकलेखा समिति (PAC) में बने रहना अनैतिक है । विशेषकर तब जब संसद की लोकलेखा समिति अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले की जांच करेगी। अगस्ता घोटाले की जांच एवं पूछताछ के दौरान यह संभावित है कि लोकलेखा समिति के सदस्यों के हाथ, घोटाले से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां लगेंगी। ऐसे में सांसद अभिषेक सिंह के रहते जांच प्रभावित होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। ये स्वाभाविक है कि सांसद अभिषेक सिंह के लोकलेखा समिति में रहते हुए समिति द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होने पर कई सवाल खड़े होंगे। 
अमित जोगी ने लोकसभा स्पीकर श्रीमती सुमित्रा महाजन एवं लोकलेखा समिति के अध्यक्ष सांसद के.वी. थॉमस से मांग की है कि लोकलेखा समिति द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में जांच शुरू होने से पूर्व लोकहित के इस गंभीर विषय को संज्ञान में लेते हुए, लोकलेखा समिति से सांसद अभिषेक सिंह की सदस्यता वापस लेने हेतू कार्यवाही की जाए । एवं इस विषय को लोकसभा की एथिक्स कमिटी की विवेचना हेतु भेजा जाए। 
 
 
 
अमित जोगी ने रमन सिंह एवं उनके पुत्र  अभिषेक सिंह के विरुद्ध अगस्ता वेस्टलैंड, पनामा लीक एवं विदेशी कंपनियों और खातों को लेकर किये अहम खुलासे
पहला खुलासा
अमित जोगी ने पहला खुलासा करते हुए कहा कि हेलीकाप्टर खरीदी के सौदे में छत्तीसगढ़ सरकार के प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता के तथ्यों का पता लगाने में जुटने के बाद कुछ सूत्रों से पता चला कि  "शार्प ओशन" कंपनी तो 1 अगस्त 2008 को बंद कर दी गयी (दस्तावेज संलग्न) । छत्तीसगढ़ सरकार ने "शार्प ओशन" कंपनी को वर्ष 2008 के शुरुआत में पूरा कमीशन दे दिया। इसके बाद 3 जुलाई 2008 को अभिषेक की कंपनी क्वेस्ट हाइट्स लिमिटेड खोली गयी और इसके उपरान्त शार्प ओशन कंपनी ने कमीशन का पैसा अभिषेक की कंपनी क्वेस्ट हाइट्स में ट्रांसफर किया और अभिषेक सिंह की क्वेस्ट हाइट्स लिमिटेड खुलने के  ठीक 27 दिन बाद  "शार्प ओशन" कंपनी को बंद कर दिया गया।  इतना ही नहीं ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में पंजीकृत एवं हांगकांग से संचालित इस कंपनी का व्यापर "प्राइवेट" उल्लेखित है यानि जानबूझ कर जानकारी छुपाई गयी है। तो फिर ऐसी कंपनी को सरकार ने किस आधार पर भारी कमीशन दिया जिसके व्यापर एवं कार्य क्षेत्र के विषय में कोई जानकारी सार्वजनिक है ही नहीं, कौन हैं इस कंपनी के डायरेक्टर्स ? । क्यों इस कंपनी का बैकग्राउंड नहीं जांचा गया ? केवल अगस्ता वेस्टलैंड के कहने भर से इतनी बड़ी रकम सरकारी कोष से किन नियमों के तहत दी गयी। अगस्ता वेस्टलैंड ऐसी बोगस कंपनियां कमीशन देने के लिए खोलता और बंद करता है। 
 
दूसरा खुलासा
SHARECORP नामक जिस कंपनी के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं उनके पुत्र का पैसा स्विस बैंक UBS AG में जमा होता है ये वही कंपनी है जिससे भारतीयों बैंकों को लुटने वाले विजय माल्या का पैसा बाहर जाता था।  विजय माल्या और अभिषेक सिंह दोनों ने ही SHARECORP नामक इस कंपनी को अपना शेयरहोल्डर नॉमिनी नियुक्त किया है। ये उसी अभिषेक सिंह ने किया है जिसक पता रमन मेडिकल स्टोर कवर्धा के नाम से है। 
 
दूसरा खुलासा करते हुए अमित जोगी ने कहा कि विजय माल्या ने जिस कंपनी "शेयर कोर्प" (SHARE CORP) के माध्यम से देश का पैसा देश से बाहर भेजा उसी कंपनी के माध्यम से रमन सिंह और अभिषेक सिंह का काला धन देश के बाहर गया या यूँ कहिये कि चैनलाइज हुआ। ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में पंजीकृत कंपनी "क्वेस्ट हाइट्स" लिमिटेड जिसके डायरेक्टर "अभिषेक सिंह " हैं और जिसका पता रमन मेडिकल स्टोर कवर्धा है।  अभिषेक सिंह ने बतौर क्वेस्ट हाइट्स का डायरेक्टर होते हुए,  "शेयर कोर्प" (SHARE CORP) कंपनी को अपना शेयरहोल्डर नॉमिनी नियुक्त किया । और इसी बोगस कंपनी के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं उनके परिवार का अरबों का काला धन स्विस बैंक UBS AG एवं उसके सम्बंधित बैंकों में जमा है। स्विस बैंक UBS AG ने ही "शेयर कोर्प" (SHARE CORP) खोलने में मदद की ताकि इसके माध्यम से जो बैंक खाते का असली मालिक है या जिसके पैसे हैं उसकी असली पहचान को गुप्त रखा जा सके। अभिषेक सिंह ने भी माल्या की तरह "शेयर कोर्प" (SHARE CORP) को इसलिए अपना शेयरहोल्डर नॉमिनी नियुक्त किया ताकि उनकी पहचान छुपी रहे। 
असल में "शेयर कोर्प" (SHARE CORP) को चलाने वाली कंपनी है पोर्टक्युललिस, ये वही कंपनी है जो जिसके ऑफिस के फ्लोर में अभिषेक सिंह की कंपनी क्वेस्ट हाइट्स का ऑफिस है। मुख्यमंत्री एवं अभिषेक सिंह का विदेश में पैसे का देखरेख, प्लानिंग, बैंक खाते, वगैरह सब कुछ पोर्टक्युललिस ही करती है। पोर्टक्युललिस के डायरेक्टर ग्राहम फरिंहा से पूछताछ करने या संपर्क साधकर मुख्यमंत्री एवं अभिषेक सिंह के विदेशी खातों एवं पैसों के लेनदेन की सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। ग्राहम फरिंहा का ईमेल आईडी है Info.BritishVirginIslands@portcullis.co) दस्तावेज संलग्न ) 
तीसरा खुलासा
अभिषेक सिंह झूठ बोल रहे हैं कि उनका और कमल सारदा को कोई लेना देना नहीं है। अभिषेक सिंह की कंपनी "क्वेस्ट हाइट्स" एवं छत्तीसगढ़ के उद्योगपति कमल किशोर सारदा की कंपनी आइडियल पोजिशनिंग ऑफशोर (IDEAL POSITIONING OFFSHORE) का ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में पता एक ही है। तीसरा खुलासा करते हुए अमित जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह के एक करीबी उद्योगपति की भी ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में एक आइडियल पोजिशनिंग ऑफशोर (IDEAL POSITIONING OFFSHORE) नाम से कंपनी रजिस्टर्ड है। इसमें गलत कुछ नहीं है क्योंकि बड़े उद्योगपतियों के विदेशी खातों और विदेश में कंपनी होना समझ में आता है। लेकिन सवाल वहां खड़ा होता है जब इस उद्योगपति की ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड की इस कंपनी का पता वही है जो मुख्यमंत्री के बेटे अभिषेक सिंह का कंपनी क्वेस्ट हाइट्स का है। यानि दोनों ही एक ही पते पर रजिस्टर्ड है -  Porticullis Trustnet chambers, PO Box, 3444, Roadtown, Tortola,  British Virgin Island. अभिषेक सिंह और छत्तीसगढ़ के इस उद्योगपति की कंपनियों का पंजीयन भी वर्ष 2008 में एक महीने आगे पीछे हुआ है। अभिषेक सिंह की क्वेस्ट हाइट्स 3 जुलाई 2008 को एवं उद्योगपति की कंपनी आइडियल पोजिशनिंग ऑफशोर का पंजीयन 3 जून 2008 को।  
MadhyaBharat 17 May 2016

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