हैदराबाद के जीवा कैंपस, श्रीरामनगरम्, शमशाबाद में स्टेच्यु ऑफ इक्वैलिटी (श्री रामानुचार्य की मूर्ति) कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक नए लुक में नजर आए। उन्होंने कहा परम पूजनीय सरसंघचालक जी कह रहे थे।*
अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् ।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ॥
यह आज नहीं हजारों साल पहले भारत ने कहा, फिर भी यह भेदभाव क्यों ?
आत्मबोध सर्वभूतेषु कब से यह देश उद्घोष कर रहा है।
सर्वत्र सम दर्शनम् और इसलिए मन में प्रेरणा यही जगती है जो हमारे ऋषि संतो ने कहा और भगवान रामानुजाचार्य ने जिस को क्रियान्वित कर के दिखाया।
अभी हमने देखा वह प्रसंग बहुत प्रेरक है गुरुदेव ने 17 बार वापस लौटाया 18 वी बार सफल हुए रामानुजाचार्य जी और फिर कान में कहा की प्रकट मत करना गुप्त है।
यह और कहा जिसने सुन लिया वह मुक्त हो जायेगा, तो भगवान रामानुजाचार्य जी तो छत पर चढ़ गए "ओम नमो नारायणाय:" जोर-जोर से उद्घोष किया लोगों ने सुना कल्याण हो गया।
लेकिन गुरु ने कहा कि तूने वचन भंग कर दिया बोले , तूने वचन तोड़ा है नर्क में जाना पड़ेगा तो रामानुजाचार्य जी ने कहा कि इतने लोगों की मुक्ति अगर होती है तो नर्क में जाना भी स्वीकार है।
सचमुच में अद्भुत प्रेरणा मिलती है और इसलिए भारत के नौजवान यहां आएंगे, आधुनिक पीढ़ी भी आएगी और यह संदेश लेकर जाएगी तो सचमुच में दृस्टि ही बदल जाएगी।