नई दिल्ली। नियमित रखरखाव के दौरान तकनीकी खराबी के कारण 9 मार्च को हुई आकस्मिक मिसाइल फायरिंग की जांच के लिए भारत सरकार ने उच्चस्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। पाकिस्तान ने दावा किया था कि भारत की तरफ से दागी गई एक मिसाइल उसके पंजाब प्रांत में गिरी है। रक्षा मंत्रालय ने इस पर गंभीरता से विचार करते हुए कहा है कि यह घटना जहां बेहद खेदजनक है, वहीं राहत की बात यह भी है कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई।
दरअसल, पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने 10 मार्च को दावा किया था कि भारत की तरफ से दागी गई एक मिसाइल 9 मार्च को उसके पंजाब प्रांत में गिरी है। उन्होंने मीडिया से कहा कि नौ मार्च की शाम छह बजकर 43 मिनट पर एक तेज गति से उड़ने वाली वस्तु ने भारतीय क्षेत्र से उड़ान भरी और वह अपना मार्ग भटक कर पाकिस्तान के क्षेत्र में गिर गई। इससे असैन्य इलाकों को कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन इसमें किसी की जान नहीं गई है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता का यह भी कहना था कि 40 हजार फीट की ऊंचाई से गुजर रही मिसाइल को मार गिराया नहीं गया है बल्कि वो खुद ही गिर गई थी। इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत के दूतावास प्रभारी को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराकर घटना की विस्तृत और पारदर्शी जांच की मांग की थी।
भारत पर आये-दिन तरह-तरह के आरोप लगाने के आदी पाकिस्तान के इस दावे पर भारत की ओर से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई लेकिन शुक्रवार को भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में जांच बिठा दी है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि नियमित रखरखाव के दौरान तकनीकी खराबी के कारण 9 मार्च को हुई आकस्मिक मिसाइल फायरिंग की जांच के लिए भारत सरकार ने उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। इस मिसाइल के बारे में पाकिस्तान ने दावा किया था कि भारत की तरफ से दागी गई एक मिसाइल उसके पंजाब प्रांत में गिरी है। रक्षा मंत्रालय ने इस पर गंभीरता से विचार करते हुए कहा है कि यह घटना जहां बेहद खेदजनक है, वहीं राहत की बात यह भी है कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है।