बगैर भारतीय नागरिकता भिलाई में रह रहे विदेशी नागरिकों के मामले में भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी), पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। भिलाई में रह रहे विदेशी नागरिकों की सूची में शामिल एक अफगानी नागरिक भिलाई इस्पात संयंत्र में नौकरी करता रहा।
चिंता की बात यह है कि पूरी नौकरी के दौरान उसे पकड़ा नहीं जा सका। इतना ही नहीं उक्त नागरिक ने संयंत्र में नौकरी के आधार पर बैंक से लोन लेकर अपना निजी मकान भी भिलाई में बना लिया है। जबकि नियमानुसार देश में किसी भी प्रकार की सरकारी नौकरी करने की पहली शर्त भारतीय नागरिक होना होता है।
विदेशी नागरिकों द्वारा अवैध तरीके से मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड सहित अन्य शासकीय दस्तावेज बनने की शिकायत की गई। जांच के बाद हाल ही में भिलाई नगर निगम क्षेत्र में रह रहे 34 विदेशी नागरिकों की सूची जारी की गई है। इसमें अफगानिस्तान की नागरिकता प्राप्त स्मृति नगर निवासी योगेंद्र छिब्बर बीएसपी का पूर्व कार्मिक है।
सूत्रों के मुताबिक 15 जून 1959 को बीएसपी के रेल मिल में टेक्निशियन के पद पर योगेंद्र की नियुक्ति हुई। इसके बाद नवंबर 1996 में रिटायर हो गया। तब से यह भिलाई के स्मृति नगर स्थित बी-487, क्रॉस स्ट्रीट-25 में रह रहा है। योगेंद्र का मूल पता एचएन-167 हिंदू गुजर शेर बाजार काबुल, अफगानिस्तान है। सूत्र बताते हैं कि योगेंद्र को अब भारत की नागरिकता नहीं मिली है और वे हर साल वीजा अवधि बढ़वाकर रह रहा है।
सूत्रों के मुताबिक पूर्व बीएसपी कर्मी योगेंद्र छिब्बर का जन्म अविभाजित भारत वर्तमान में पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। वह अपने रिश्तेदार के साथ मध्य प्रदेश के ग्वालियर आया और यहीं से आईटीआई की पड़ाई की। इस पड़ाई की बदौलत भिलाई इस्पात संयंत्र में नौकरी लगी। यहीं उनका विवाह हुआ और वे अपने परिवार के साथ भिलाई में बस गए, लेकिन उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिली।
कानूनी जानकारों की मानें तो बगैर नागरिकता दस्तावेज बनाने व सरकारी नौकरी करना देश की आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से अतिसंवेदनशील है। भिलाई में सेल का स्टील प्लांट है। प्लांट की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे संवेदनशीन स्थान माना गया है।