बीजापुर के केतलनार में आंगनबाड़ी केन्द्र में अमृत योजना के अंतर्गत मिलने वाले मीठा दूध पीने से दो बच्चों की मौत और 6 बच्चों के बीमार होने की खबर के बाद हरकत में आई सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए इनकी देखरेख के लिए जगदलपुर से चिकित्सा दल भेजा था। लेकिन दल के डॉक्टर्स को इतनी बड़ी घटना के बाद बच्चों की कितनी फिक्र है आप खुद ही इन तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं। दल के ये डॉक्टर बच्चों की देखभाल करने की बजाय मंगलवार रात 12 बजे तक सर्किट हाउस में शराब-कबाब की पार्टी करते रहे।
तस्वीरों में साफ दिख रही है शराब
इन तस्वीरों को देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि ये अधिकारी अपना कर्तव्य कितनी ईमानदारी से निभा रहे हैं। इन्हें देखकर साफ लग रहा है जैसे इन्हें बच्चों की देखरेख के लिए नहीं अपितु यहां मौज मस्ती करने भेजा गया हो। रात के अंधेर में शराब के नशे से लेकर कबाब का जायका अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर कई सवाल खड़े कर रहा है।
सुबह दूध पीने से हुई थी दो बच्चों की मौत
जिले के केतलनार आंगनबाड़ी केंद्र में अमृत योजना के अंतर्गत शासन द्वारा दिए जाने वाले मीठे दूध का सेवन करने से दो बच्चों की मंगलवार सुबह मौत हो गई और करीब आधा दर्जन बच्चे बीमार पड़ गए थे। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस मामले को लेकर अपने निवास कार्यालय में मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की आकस्मिक बैठक ली और सभी पहलुओं की जांच के निर्देश दिए। वहीँ मंत्री रमशीला साहू ने कहा कि जब तक मामले की पूरी जाँच नहीं हो जाती तब तक दूध का वितरण नहीं किया जाएगा।
कब से मिल रहा है बच्चों को दूध
छत्तीसगढ़ सरकार ने 29 अप्रैल 2016 को लोक सुराज अभियान के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रो में अमृत योजना के तहत बच्चों को मीठा दूध देना शुरू किया है। योजना के शुरूआत में ही केतलनार के हादसे से सरकार सकते में है।