अजीत जोगी का कांग्रेस से मोहभंग ,बनाएंगे अपनी पार्टी
ajit jogi chattisghar
 
 
 
कांग्रेस के दिग्गज नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का  कांग्रेस से मोहभंग हुआ तो उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है वे अब नई पार्टी बनाने जा रहे हैं। राजयसभा चुनाव और उससे पहले से पार्टी में हो रही अपनी अनदेखी से अजीत जोगी खासे नाराज हैं।  वे इस कोशिश में हैं कि 25 हजार समर्थकों को साथ लेकर पार्टी छोड़े। 
 
जोगी ने कहा, मैं अपने समर्थकों की मांग पर यह फैसला ले रहा हूं। आज की कांग्रेस पहले जैसी नहीं रही। प्रदेश स्तर के नेताओं की कोई सुनने वाला नहीं है।विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार से अब तक लगातार वे पार्टी में उपेक्षा का शिकार होते रहे हैं। हाल ही में अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ से राज्यसभा टिकट के लिए दावेदारी भी की थी। लेकिन टिकट मिलना तो दूर कांग्रेस ने उनसे राज्यसभा सीट पर प्रत्याशी चयन के लिए भी चर्चा तक नहीं की।
इस वर्ष की शुरुआत में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उनके विधायक पुत्र अमित जोगी को अंतागढ़ टेपकांड मामले में दोषी मानकर पार्टी की सदस्ता से निष्कासित कर दिया था। वहीं अजीत जोगी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित करने की अनुशंसा की गई थी। यह मामला कांग्रेस की राष्ट्रीय अनुशासन समिति के समक्ष विचाराधीन है। अब तक फैसला न होने के कारण अजीत जोगी खिन्न हैं। आला कमान से किसी प्रकार का सहयोग न मिलने के कारण खुद को उपेक्षित मान रहे हैं।
अजीत जोगी के पुत्र कांग्रेस से निष्कासित विधायक हैं, उनकी पत्नी डॉ. रेणू जोगी भी कांग्रेस की विधायक हैं। खुद अजीत जोगी कांग्रेस की राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति विंग के अध्यक्ष हैं। फिलहाल कांग्रेस के कम से कम 10 विधायक उनके समर्थक माने जाते हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और कांग्रेस में उपेक्षित अन्य नेता भी उनके साथ हो सकते हैं।
भाजपा और अन्य दलों के उपेक्षित नेता भी अजीत जोगी के साथ जा सकते हैं। भाजपा के पूर्व सांसद सोहन पोटाई के बारे में चर्चा है कि वे भाजपा छोड़कर अजीत जोगी के साथ जा सकते हैं।
अजीत जाेगी का राजनीतिक और निजी जीवन काफी चर्चा में रहा है। आईएएस की नौकरी छोड़कर अजीत जोगी कांग्रेस में आ गए थे। अविभाजित मध्यप्रदेश में ही जोगी ने राजनीति शुरू  कर  दी थी।  आईपीएस से आईएएस और फिर मुख्यमंत्री बने अजीत जोगी काफी समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे। 
अजीत जोगी जब रायपुर के कलेक्टर थे तो उन्होंने एयरपोर्ट अथॉरिटी को निर्देश दे रखे थे कि जिस दिन राजीव गांधी प्लेन रायपुर आए, उन्हें पहले ही इसकी सूचना दी जाए। जब राजीव गांधी एयरपोर्ट पर आते थे, तो अजीत जोगी अपने घर से उनके लिए चाय-नाश्ता लेकर जाते थे।
इस दिग्गज नेता ने मप्र के जबलपुर के एक कब्रिस्तान में अपनी कब्र के लिए पहले ही जगह खरीद रखी है।जबलपुर के कैंट एरिया में स्थित इसाई कब्रिस्तान में अजीत जोगी ने अपने पूरे परिवार के लिए कब्र की जगह पहले ही बुक कर रखी है। दरअसल, इसके पीछे उनका मकसद यह है कि कब्रिस्तान में जगह खत्म होती जा रही है। साथ पूरी फैमिली एक ही जगह हो तो बेहतर होता है।