रायगढ़ के जंगल में हाथियों का डेरा
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रायगढ़ के  टारपाली के जंगल में दिन बिताने के बाद अब रात को भटकर कोरियादादर काजू बाड़ी एरिया में हाथियों ने डेरा जमा लिया है। बताया जा रहा है कि शनिवार रात हाथी कोरियादादर के करीब आग गया था। ऐसे में देर रात को डीपापारावासी जान बचाकर गांव की ओर भागकर अपनी जान बचाया। वहीं गांव के करीब हाथी आने से लोग दहशत में है।
शहर के करीब बसे गांव के आसपास इन दिनों हाथियों ने अपना डेरा जमा लिया है। बीते एक सप्ताह से हाथी का दल एक से दूसरे गांव की ओर पलायन कर रहे है। पहले जुर्डा गांव में डेरा जमाने के बाद टारपाली उसके बाद अब कोरियादादर के जंगल में डेरा जमा लिया है।बताया जा रहा है कि बीती रात 9 हाथी का दल टारपाली के जंगल से निकलकर शाम को सड़क पार कर बोईरदादर जंगल की ओर पलायन कर रहे थे। लेकिन देर रात को वापस कोरियादादर की ओर पलायन कर गए।
जहां वह काजूबाडी से कुछ ही दूर पर स्थित डीपापारा में देर रात करीब 2 बजे वहां के कुछ वाशिदों के हाथी की भनक पड़ने पर जान बचाकर गांव की ओर पलायन कर अपनी जान बचाई। वहीं सुबह होते ही वह कोसाबाड़ी के पीछे डेरा जमा लिया है। ऐसे में वन विभाग के कर्मचारी हाथियों पर नजर रखे हुए है कि वो कही गांव की ओर पलायन ना कर सके। वहीं वन कर्मचारी उन हाथियों के झुण्ड को जंगल की ओर भगाने की कोशिश कर रहे है।
बताया जा रहा है कि नौ हाथियों का दल कोरियादादर व टारपाली क्षेत्र में भ्रमण कर रहे है।वहीं उस क्षेत्र की माने तो कुछ और हाथी का दल ओडिशा की ओर से जामगांव के जंगल की ओर से आने की जानकारी मिली है। वन विभाग के कर्मचारी का कहना है कि जब तक उनके उस क्षेत्र में होने की पुष्टि ना हो तबतक उनके होने की बात को सही नहीं कहा जा सकता है।
इलाके के रेंजर छेदीलाल मारूतकर ने बताया कि कोरियादादर के जंगल में हाथियों ने डेरा जमाया हुआ है। वनकर्मियों को क्षेत्र में नजर रखने को कहा गया है। ताकि हाथी गांव की ओर पलायन ना कर सके।