वही पढ़ाई, वही डांट, मुझे नहीं जीना लिखकर फांसी पर झूल गई छात्रा
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बस हो गया, मै अपनी जिंदगी से ऊब चुकी हूं। किसी की कोई गलती नहीं, यह मै इसलिए कर रही हूं क्योकि मै जीना नहीं चाहती। वही पढाई, वही डांट खाना इसलिए मुझे नहीं जीना, हो सके तो मेरा मोबाइल मेरा ही रहने देना, किसी चीज को अपना बोलती हूं तो अच्छा लगता है। यह आखिरी बाते लिख कर 14 साल की छोटी सी उम्र में वो बच्ची फांसी के फंदे पर लटक गई। खेलने की उम्र में जिंदगी से इस तरह ऊब गई थी वो मासूम कि उसने इस जिंदगी को ही खत्म कर दिया। 
बिलासपुर के टिकरापारा के शंति अपार्टमेंट में रहने वाले नागपुर में पदस्थ रेलवे कर्मचारी रामटेके परिवार के साथ रहते है। परिवार में पत्नी रोनिता रामटेके, मां और दो पुत्रियां रिभानी उर्फ रिया (14) और अंशिका रामटेके (10) है। रिया 10वीं कक्षा की छात्रा थी। सोमवार रात जब परिवार के सभी सदस्य सो रहे थे तो रिया ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार को बेटी का शव पंखे पर लटका देख मां रोनिता की चीख निकल गई। चीख सुनकर आशिका और दादी भी वहां पहुंची जहां रिया का शव लटका था। परिजनों ने तुरंत इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी।

पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को फंदे से उतार पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मौके से पुलिस को सुसाइड नोट बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में रिया ने जिंदगी से उब कर और पढाई व डाट से तंग आकर आत्महत्या करने की बात कही है। रिया ने अपने सुसाइड नोट में अपने परिवार, दोस्तो और खास दोस्तो में से किसी को भी अपनी आत्महत्या के लिए दोषी नहीं ठहराया है। पुलिस के मुताबिक रिया की मौत से बदहवास मां और दादी फिलहाल कुछ बताने की स्थिति में नहीं है। शुरूआती जांच में पढाई और डाट से तंग आकर आत्महत्या की बात सामने आ रहीं है, मामले की जांच की जा रही है।