मुख्यमंत्री ने कहा कोर्ट में जनसंख्या रिपोर्ट पेश करने के बाद होगा आरक्षण
jagadalpur, Voices of dissatisfaction ,emerged in the meeting

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के लालबाग मैदान में रविवार शाम हुए संभागीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सम्मलेन में मुख्य अतिथि बनाया गया था। मुख्यमंत्री के उद्बबोधन के दौरान एक वर्ग ने नारेबाजी करते हुए विरोध जताया व सभा से बाहर चले गए। वे मंच से ही 27 प्रतिशत आरक्षण व पेशा कानून में शामिल करने की घोषणा करने की मांग कर रहे थे। छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के कोंडागांव जिलाध्यक्ष फूलचंद दीवान ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा में बताया कि मुख्यमंत्री ने भविष्य में आरक्षण लागू करने की बात कही है।

पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के संभागीय सम्मेलन में संभाग के सात जिलों से सैकड़ों की संख्या में विभिन्न समाजों के लोग पहुंचे थे। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में केबिनेट मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, बविप्रा अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, विधायक राजमन बेंजाम, विधायक चंदन कश्यप, मछुआ आयोग अध्यक्ष एमआर निषाद, संगठन के प्रदेश महासचिव व कलार समाज के पद्रश उपाध्यक्ष कारिया दीवान, जिलाध्यक्ष तरूण ठाकुर व महासचिव मुकेश दीवान आदि मौजूद थे।

कार्यक्रम के शुरुआत में संघ के नेताओं ने सम्मेलन के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछड़ा वर्ग समुदाय के साथ नाइंसाफी की जाती रही है। यह भी कहा गया कि संघ के पदाधिकारी दलगत राजनीति से अलग केवल समाज हित में काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि वे स्वयं पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। इसलिए समुदाय के लोगों की भावनाएं उनकी परेशानियां बेहतर ढंग से समझते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे मुख्यमंत्री होने के नाते राज्य के सभी वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और सभी को सामाजिक न्याय दिलाने प्रतिबद्ध हैं।

छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के कोंडागांव जिलाध्यक्ष फूलचंद दीवान ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि समाज को सरकार से भवन नहीं चाहिए। उनकी प्रमुख मांग आरक्षण व पांचवी अनुसूची में शामिल करना है, मुख्यमंत्री ने उन्हें निराश किया है। अगले चुनाव में पिछड़ा वर्ग समुदाय कांग्रेस को सबक सिखाएगा।