रायपुर। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य के 20 लाख 58 हजार किसानों को कृषि आदान सहायता के रूप में चार किस्तों में कुल 5553 करोड़ आठ लाख रुपये का भुगतान किया गया है । उन्होंने योजना के चौथी किस्त में कटौती की बात को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि योजना के तहत खरीफ वर्ष 2020 के पंजीकृत कृषकों को यह आदान सहायता नौ हजार रुपये प्रति एकड़ के मान से दी गई है ,जो कि योजना प्रावधान के तहत है।
कृषि मंत्री ने कहा कि खरीफ वर्ष 2020 में प्रति एकड़ 15 क्विंटल के मान से कुल 92.56 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। उपार्जित धान का रकबा 61लाख 70 हजार 88 एकड़ था। प्रथम तीन किस्त के रूप में 4523.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था तथा चौथी किस्त के रूप में 1029.31करोड़ रुपये का भुगतान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 31 मार्च को किया था ।
मंत्री चौबे ने कहा कि उपार्जित धान का रकबा 61लाख हजार 88 एकड़ प्रति एकड़ 9000 रुपये के मान से चार किश्तों में 5553 करोड़ आठ लाख रुपये किसानों के बैंक खाते में अंतरित किए गए।
कृषि मंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना राज्य में वर्ष 2019 से लागू की गई है। इसके तहत खरीफ वर्ष 2019 और खरीफ वर्ष 2020 के अंतर्गत राज्य के किसानों को दो सालों में आदान सहायता के रूप में 11 हजार 180 करोड़ 97 लाख रुपये की आदान सहायता सीधे उनके बैंक खातों में जारी की गई है ।
उल्लेखनीय है कि खरीफ 2021 में धान के समर्थन मूल्य मोटा एवं पतला का कमश राशि रु. 1940 एवं 1960 प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत 9000 प्रति एकड़ के आधार पर 600 प्रति क्विंटल अतिरिक्त राशि योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में देय होगा। इस प्रकार धान बोने वाले किसानों को समर्थन मूल्य सहित क्रमशः रुपये 2540 एवं 2560 प्रति क्विंटल भुगतान प्राप्त होगा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत कृषकों को लगभग 7000 करोड़ से अधिक राशि का भुगतान किया जाना संभावित है। इस तरह किसानों को धान के साथ-साथ दलहन-तिलहन, साग-सब्जी तथा वृक्षारोपण करने वाले किसानों को भी अतिरिक्त आय प्राप्त होने से प्रदेश के किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।