जबलपुर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एसआर मोहंती को उच्च न्यायालय जबलपुर से बड़ा झटका लगा है। उनके खिलाफ 719 करोड़ रुपये के उद्योग घोटाले की जांच जारी रहेगी।
मामला कांग्रेस शासन काल में मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल का है। उस वक्त एसआर मोहंती मप्र राज्य उद्योग विकास निगम में एमडी थे। शिवराज सिंह चौहान सरकार ने 2004 में उनके खिलाफ जांच शुरू की थी, जो कांग्रेस शाषित कमलनाथ सरकार ने 2019 के दौरान बंद कर दी गयी थी। कैट ने तत्कालीन कमलनाथ सरकार के आदेश पर रोक लगा रखी थी, इसलिए इस घोटाले की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही थी।
बुधवार को मामले में मप्र उच्च न्यायालय ने जांच जारी रखने का आदेश जारी किए। इसके बाद पूर्व मुख्य सचिव एस आर मोहंती की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने 719 करोड़ का लोन बिना गारंटी के बाँटा था इस उद्योग घोटाला में ईओडब्ल्यू-19 की विभिन्न कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर उनके खिलाफ जांच फिर शुरू होगी।
बीते दिनों केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी। इससे उद्योग घोटाले में जारी अनुशासनात्मक कार्रवाई रोक दी गई थी। लेकिन आज उच्च न्यायालय जबलपुर में जस्टिस शील नागू और जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी की डिवीजन बेंच ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण कैट के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें मोहंती के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी गई थी।