नक्सलियों ने पर्यटन केंद्र का किया विरोध
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बीजापुर। नक्सलियों ने शुक्रवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में पर्यटन केंद्र का विरोध किया है। आदिवासी इलाके के जनता को विकास की बात करते हुए दूसरी ओर भूमिहीन श्रमिक, मजदूरों का जल, जंगल, जमीन को हड़पने का कार्य किया जा रहा है। कब्जे के लिए जिले के तेलंगाना, छत्तीसगढ़ का सीमावर्ती इलाका पटनम ब्लॉक तारलागुड़ा, भद्रकाली चांदूर इन गांव के अंतर्गत रहने वाली कररेगुड़ा पहाड़ में चुन्नालोई-पेद्दालोई झरना एक करोड़ 88 लाख की लागत से मंजूरी कर पर्यटन केंद्र के लिए घोषणा किया है और मट्टीमरका के जीतमगंडी में पर्यटन केंद्र बनाने की प्रक्रिया चल रहा है।

उसूर ब्लॉक में नमीदार, मंगलनार, लंकापल्ली, गांव में होते हुए बहने वाली झरना नीलम सराई में पर्यटन केंद्र बनाने के लिए करोड़ों रुपये की स्वीकृति हुई है। नक्सलियों ने जारी पर्चे में कहा है कि जल, जंगल, जमीन के अस्तित्व के ऊपर आदिवासियों को अधिकार नहीं देकर भाजपा व कांग्रेस सरकार कुटिल नीतियों का अमल कर इसे लूट रही है।

इन पर्यटन केंद्रों को संचालित करने के लिए 07 अगस्त 2021 को रितेश कुमार अग्रवाल एसपी कमलोचन कश्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुड़ियाम सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा यह जानकारी देते हुए घोषणा किए हैं। इन कार्य योजनाओं को निरंतर रूप से चलाकर पूर्ण करने के लिए एक समिति का गठन किया है। अब समिति के माध्यम से बेरोक टोक काम करने का प्रयास कर रही है। इसके साथ-साथ यही पटनम ब्लॉक में कुचनुर एवं धनगोल गांव में पहले मौजूद कोरंडम खदान को खुले तौर से टेंडर के माध्यम से लूटने के लिए माइनिंग कंपनी को तैनात करने की कोशिश कर रही है। बीजापुर जिले में आदिवासियों के हाथों में रहने वाली मोरीनदी, मेसोर घाट तुमनार, बंडलापाल, मंगलनार, गणेशबहार दरभा, उसकापटनम, सातधार, पतोरपारा, चेरपाल, पोजेड, पटनम ब्लॉक के चिंतावागु, इंद्रावती, मिन्गाचल जैसे नदी नालों का रेत प्रति ट्रैक्टर पांच हजार रुपये बेच रही है।