नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चौथी औद्योगिकी क्रांति के पर्याय उद्योग 4.0 के मानकों को प्राप्त करने में गुजरात को अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य में ऐसा करने की क्षमता और स्वभाव दोनों हैं। विनिर्माण और इसी तरह के उद्योगों और मूल्य-निर्माण प्रक्रियाओं के डिजिटल परिवर्तन को उद्योग 4.0 के रूप में जाना जाता है।
प्रधानमंत्री ने गुजरात में टीकाकरण अभियान की प्रशंसा की। उन्होंने औद्योगिक विकास के नवीनतम रुझानों की जरूरतों के अनुसार कौशल विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता को भी दोहराया। फार्मा उद्योग में राज्य की प्रमुख भूमिका के लिए फार्मेसी कॉलेज बनाने के प्रारंभिक प्रोत्साहन का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि कौशल विकसित करने में समुदाय और सरकार के प्रयासों का कई गुना प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि उद्योग 4.0 के मानकों को प्राप्त करने में गुजरात को देश का नेतृत्व करना चाहिए, क्योंकि राज्य में ऐसा करने की क्षमता और स्वभाव है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के अदालज में श्री अन्नपूर्णाधाम ट्रस्ट के छात्रावास और शिक्षा परिसर का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने जनसहायक ट्रस्ट के हीरामनी आरोग्यधाम का भूमिपूजन भी किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने श्री अन्नपूर्णाधाम के दिव्य, आध्यात्मिक और सामाजिक उपक्रमों से लंबे समय तक जुड़े रहने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में योगदान देना गुजरात का स्वभाव रहा है। सभी समुदाय अपनी क्षमता के अनुसार अपनी भूमिका निभाते हैं और पाटीदार समुदाय समाज के लिए अपनी भूमिका निभाने में कभी पीछे नहीं रहता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समृद्धि की देवी मां अन्नपूर्णा को सभी और विशेष रूप से पाटीदार समुदाय द्वारा गहरा सम्मान दिया जाता है, जो रोजमर्रा की जिंदगी की वास्तविकताओं से गहराई से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को हाल ही में कनाडा से काशी वापस लाया गया था। उन्होंने कहा, "हमारी संस्कृति के ऐसे दर्जनों प्रतीक पिछले कुछ वर्षों में विदेशों से वापस लाए गए हैं।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में भोजन, स्वास्थ्य और शिक्षा को हमेशा बहुत महत्व दिया जाता है और आज श्री अन्नपूर्णाधाम ने इन तत्वों का विस्तार किया है। जो नई सुविधाएं आ रही हैं, उससे गुजरात के आम लोगों को काफी फायदा होगा, खासकर एक बार में 14 लोगों के डायलिसिस की सुविधा, 24 घंटे ब्लड सप्लाई वाला ब्लड बैंक एक बड़ी जरूरत को पूरा करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिला अस्पतालों में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा शुरू की है।
प्रधानमंत्री ने गुजराती अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उनके नेतृत्व और प्राकृतिक खेती पर जोर देने की प्रशंसा करते हुए कहा कि धरती माता की रक्षा के लिए जहां भी संभव हो प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने सरदार पटेल को एक महान श्रद्धांजलि अर्पित की है इससे उनका नाम दुनिया भर में पहुंचा है।
कुपोषण को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्सर कुपोषण अज्ञानता के कारण भी होता है। उन्होंने संतुलित आहार के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। भोजन को स्वास्थ्य की दिशा में पहला कदम बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुपोषण अक्सर भोजन की कमी के बजाय भोजन के बारे में ज्ञान की कमी का परिणाम होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान सरकार ने 80 करोड़ से अधिक लोगों के लिए मुफ्त खाद्यान्न सुनिश्चित किया।
डायलिसिस रोगियों के वित्त पर प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री ने देश के सभी जिलों में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा फैलाने पर जोर दिया। इसी तरह जन औषधि केंद्र सस्ती दवा उपलब्ध कराकर मरीजों का खर्चा कम कर रहे हैं। स्वच्छता, पोषण, जन औषधि, डायलिसिस अभियान, स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण की कीमतों में कमी जैसे उपायों ने आम लोगों पर बोझ कम किया है। इसी तरह, आयुष्मान भारत योजना ने गरीब और मध्यम वर्ग के रोगियों, विशेषकर महिलाओं की मदद की है।