बच्चे के साथ महिला कूदने लगी तो अफसर घबराए
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इंदौर में अतिक्रमण विरोधी अभियान 
 
इंदौर में सड़क चौड़ीकरण की बाधाएं हटाने के लिए नगर निगम ने  एक बार फिर शुरुआत की। मालगंज से टोरी कॉर्नर के बीच नीमा धर्मशाला के पास कार्रवाई के पहले ही सही-गलत निशान को लेकर मकान मालिक परिवार और अफसरों में विवाद हुआ। इसके बाद नौबत धक्कामुक्की और मारपीट तक पहुंच गई।
 
परिवार के सदस्यों, निगम अधिकारियों, बाउंसरों के बीच देर तक चली नोकझोंक के बीच पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। शुरुआत में 40 मिनट तक कार्रवाई रुकी रही। फिर शाम तक सभी 12 चिन्हित निर्माण तोड़ दिए गए। चार अन्य निर्माण लोगों ने खुद हटाए।
 
सुबह नौ बजे एसडीएम संदीप सोनी, एनएन पांडे सहित निगम अधिकारी पुलिस और निगम की रिमूवल टीम के साथ मौके पर पहुंचे। अमला मालगंज स्थित गौतम जैन के चार मंजिला मकान पर कार्रवाई के लिए बढ़ा जहां पहले से परिवार खड़ा था। शुरुआत में काफी देर तक दोनों पक्षों में बात होती रही। परिवार के लोग कोई और निशान बता रहे थे जबकि निगम अधिकारी अपने निशान को सही बता रहे थे।
 
इसी बीच जैन परिवार के 20-25 लोग अमले के सामने आ गए और धक्कामुक्की-हाथापाई शुरू हो गई। निगम उपायुक्त महेंद्रसिंह चौहान और अमले के साथ झड़प होते देख अपर आयुक्त देवेंद्रसिंह आए और उन्होंने एक व्यक्ति को पीटकर भगा दिया। कार्रवाई शुरू हुई तो परिवार के सदस्य पोकलेन के आगे लेट गए। जैसे-तैसे सहायक यंत्री रजनीश पंचोलिया, सहायक रिमूवल अधिकारी वीरेंद्र उपाध्याय और दल प्रभारी बबलू कल्याणे ने उन्हें हटाया और कार्रवाई शुरू कराई।
 
अफसरों के होश तब उड़ गए जब उन्होंने जैन परिवार की एक महिला को बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल पर पोकलेन के पंजे के सामने देखा। उसका कहना था मकान तोड़ा तो वह बच्चे के साथ कूद जाएगी। मौका देख निगम की महिला बाउंसर और महिला पुलिस ने पहुंचकर महिला को नीचे उतारा।
 
कार्रवाई के विरोध में परिवार ने हाई कोर्ट में याचिका लगा रखी है, जिसकी सुनवाई सोमवार को होना थी। आधिकारिक सूत्रों का कहना है परिवार चाहता था कि कार्रवाई में देरी हो ताकि तब तक कोर्ट स्टे दे दे जबकि निगम इससे पहले करना चाहता था।
 
तीन मंजिल तोड़ने के बाद चौथी मंजिल तक पोकलेन का पंजा नहीं पहुंचा तो मजदूर भेजना पड़े। अपर आयुक्त ने बताया परिवार के लोगों ने मजदूरों से मारपीट की। बाद में पुलिस चौथी मंजिल पर गई और बाधक हिस्सा तुड़वाया। इसके बाद मकान का बचा हिस्सा गिरा दिया गया। इस दौरान परिवार के सदस्य छत पर खड़े होकर \'प्रशासन हाय-हाय\' के नारे लगाते रहे। अकेले जैन परिवार का मकान तोड़ने में निगम को शाम हो गई। इधर, गौतम जैन के बेटे प्रीतेश ने कहा निगम अफसरों ने नोटिस नहीं दिए और अचानक कार्रवाई के लिए आ गए। वहीं पंचनामा फाड़ दिया और बाउंसरों ने मारपीट की।
 
इस कार्रवाई में 225  निगमकर्मी, 100 पुलिसकर्मी, पोकलेन मशीन, बुलडोजर, डंपर लगे लेकिन  अब ये कार्यवाही अगले माह की जाएगी। 
 
निगम के सिटी इंजीनियर महेश शर्मा ने बताया रोड में अब 12 ऐसे निर्माण बाकी हैं जिनकी अवधि तीन जुलाई को पूरी होगी। उन्हें जुलाई में हटाया जाएगा।
अपर आयुक्त ने बताया निगम ने हाथोहाथ मकानों का मलबा उठाना भी शुरू करवा दिया है। रोड पर हेलोजन लगाए जा रहे हैं। जिन घरों के नल कनेक्शन टूट गए हैं, उन्हें जोड़ना शुरू करवा दिया है।
कार्रवाई के दौरान नागरिक समिति के तपन भट्टाचार्य, एसके दुबे, कैलाश लिंबोदिया और सुधीर लाड़ मौजूद थे। उन्होंने कहा अतिक्रमण हटाने के नाम पर अपर आयुक्त, उपायुक्त दादागीरी करते रहे। उन्हें कम से कम कोर्ट सुनवाई तक रुकना था। ऐसा लग रहा था जैसे निगम एकतरफा कार्रवाई कर दुश्मनी निकाल रहा है। एक ओर के निर्माण नहीं टूट रहे जबकि दूसरी ओर 15-20 निर्माण तोड़े जा रहे हैं।
 
 
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