दिग्विजय सिंह ने खरगौन हिंसा को बताया प्रजोजित
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इंदौर। मध्य प्रदेश के खरगौन जिला मुख्यालय पर रामनवमी पर निकली जा रही शोभायात्रा पर हुए पथराव के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रायोजित बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ मुस्लिम संगठन भाजपा के साथ मिलकर खेल रहे हैं। हालांकि उन्होंने ऐसे संगठनों के नाम नहीं बताए।

 

दिग्विजय सिंह बुधवार को इंदौर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने खुद पर दर्ज हुए मुकदमों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने जीवनभर भाईचारे और अहिंसा की बात की। मेरे खिलाफ ही उन्माद और दंगे भड़काने का केस दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने क्या किया था सिर्फ सवाल ही तो पूछे थे। भीकनगांव का भाषण भी भड़काने वाला है।

 

उन्होंने कहा कि मैंने जिंदगी भर भाईचारे की बात की। मैंने सवाल ही तो पूछे थे। क्या किसी के पूजा स्थल पर बिना उनकी इजाजत के धर्मस्थल धर्मस्थल पर झंडा फहराना उचित है? किसी भी जूलूस में हथियार प्रदर्शन करने पर मेरे शासनकाल में रोक लगाई थी। आर्म्स एक्ट में तीन इंच से बड़ी ब्लेड के लिए भी लाइसेंस जरूरी है। खंडवा में धार्मिक जुलूस में तलवार और हथियार लहराए गए। इन अवैध हथियारों पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की? साफ है कि दंगे प्रायोजित हैं।

 

दरअसल, मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पर धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में प्रदेश में कई जगह एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन पर ये मामले भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और नर्मदापुरम में दर्ज किए गए हैं। दिग्विजय सिंह ने सोमवार को एक फोटो शेयर किया था, जिसमें एक शख्स मस्जिद की मीनार पर चढ़कर भगवा झंडा लगाते दिख रहा था। इसके साथ अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, 'तलवार-लाठी लेकर धार्मिक स्थल पर झंडा लगाना उचित है? क्या खरगोन प्रशासन ने हथियारों को लेकर जुलूस निकालने की इजाजत दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके, चाहे जिस धर्म के हों सभी के घर बुलडोजर चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष होकर सरकार चलाने की शपथ ली है।'

 

दिग्विजय सिंह ने इस फोटो को खरगौन का बताया था, जबकि असलियत में वो मुजफ्फरपुर (बिहार) की फोटो थी। हालांकि गलती का अहसास होने पर उन्होंने अपना यह ट्वीट कुछ घंटों बाद डिलीट कर दिया, लेकिन धार्मिक उन्माद फैलाने को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक्शन लेने की बात कही थी। साथ ही कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि दिग्विजय प्रदेश को दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दिग्विजय पर आरोप है कि उन्होंने झूठे तथ्यों के आधार पर ट्वीट एवं छेड़छाड़ कर बनाए गए फोटोग्राफ डालकर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की।