मंत्री दें आय का आय का ब्यौरा
shivraj cabinet
 
 
शुचिता की बात करने वाली प्रदेश भाजपा सरकार में इस साल अभी तक प्रदेश सरकार के एक मंत्री को छोड़कर किसी भी मंत्री ने अपनी आय का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया है। इसको लेकर हाल ही में चुनाव सुधार के लिए काम कर रही संस्था एसोसिएशन आफ डेमोके्रटिक रिफार्मस (एडीआर) की राज्य शाखा मप्र इलेक्शन वॉच ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधायकों के लिए हर वर्ष संपत्ति और देनदारियों की जानकारी जनता के सामने रखना अनिवार्य किया है। मप्र में केवल मंत्रियों के लिए संपत्ति का खुलासा करने का प्रावधान है लेकिन यह प्रावधान स्वैच्छिक होने के कारण मंत्री अपनी आय का खुलासा करने में रुचि नहीं ले रहे हैं।
मप्र इलेक्शन वॉच की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि आज देश को स्वच्छ राजनीति की अत्यंत आवश्यकता है। हमारे जनप्रतिनिधियों द्वारा चुनाव के दौरान संपत्ति एवं देनदारियों की जानकारी दी जाती है। यह व्यवस्था लोकसभा एवं विधानसभा दोनों के लिए हैं। जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 75 (अ) के अनुसार लोकसभा एवं राज्यसभा के प्रतिनिधि को अपनी संपत्ति और देनदारियों की जानकारी हर वर्ष लोकसभा एवं राज्यसभा के समक्ष प्रस्तुत करना होता है। परंतु विधानसभाओं के सदस्यों के लिए इस प्रकार का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसी पहल की है। मध्यप्रदेश में केवल मंत्रियों को ही है। मध्यप्रदेश में केवल मंत्रियों को ही यह जानकारी विधानसभा के सामने रखनी होती है। परंतु ऐसा करना भी स्वेच्छिक है। मध्यप्रदेश विधानसभा की बेवसाइट देखने पर पता चला कि पिछले (त्रयोदश) विधानसभा के मंत्रियों में से केवल 16 ने ही उक्त जानकारी सार्वजनिक की है। वर्तमान विधानसभा में 23 मंत्रियों में से केवल एक वित्तमंत्री जयंत मलैया ने उनकी संपत्ति और देनदारियों की जानकारी सार्वजनिक की है। यह जानकारी भी वर्ष 2014 तक की ही है। वर्ष 2015-16 में किसी भी मंत्री या विधायक ने अपनी जानकारी सार्वजनिक नहीं की।
संगठन ने शिवराज से आग्रह किया है कि अपने दूसरे नीतिगत फैसलों की तरह वे अपने शासन में पारदर्शिता लाने के लिए जनप्रतिनिधियों की संपत्ति एवं देनदारियों की जानकारी हर वर्ष सार्वजनिक करने की पहल भी करें। इस प्रकार की पहल नेताओं के सार्वजनिक जीवन में स्वच्छता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहायक हो सकती है।