दिग्विजय ने खरगौन हिंसा को लेकर शिवराज पर साधा निशाना
bhopal,Digvijay targets ,Shivraj , Khargone violence

भोपाल। खरगौन में रामनवमी पर हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर मध्य प्रदेश में जमकर राजनीति हो रही है। इस मामले को लेकर कांग्रेस के नेता जहां भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं भाजपा भी पलटवार करने में पीछे नहीं है। विवादित बयानों को लेकर हमेशा सुर्खिया बटोरने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस मामले को जमकर तूल दे रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। वहीं, भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी ट्वीट के माध्यम से पलटवार करते हुए उन्हें करारा जवाब दिया है।

 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय खरगौन हिंसा को लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर हैं। कुछ दिन पहले भी वे खरगौन हिंसा के संदर्भ में ट्विटर पर गलत वीडियो पोस्ट कर फंस चुके हैं। भाजपा नेताओं ने उन पर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ कई जगह थानों में एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। अब उन्होंने ट्वीट करते हुए दंगे रोकने में विफलता को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान पर सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि जिस ज़िले में दंगा होगा उसकी पूरी जवाबदेही ज़िला कलेक्टर व एसपी की होगी, यदि यह संदेश मुख्यमंत्री दे दें तो कभी दंगा नहीं हो सकता। इसके साथ ही दिग्विजय ने प्रदेश में अपने मुख्यमंत्रित्व काल का हवाला दिया और लिखा कि मेरे 10 वर्षों के कार्यकाल में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ।

 

दिग्विजय ने एक अन्य ट्वीट में शिवराज सरकार और भाजपा की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा यह जानती है कि बिना पत्थर उछाले कुर्सी नहीं मिलती है। इसलिए हथियार के रूप में कभी जज़्बात को तो कभी जान को हथियार बनाती है। साम्प्रदायिक उन्माद भाजपा का सबसे ख़तरनाक राजनीतिक हथियार है।

 

दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट का भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने जवाब दिया है। उन्होंने दिग्विजय सिंह को उनके शासनकाल की याद दिलाई और ट्विटर पर लिखा कि राजा साहब, आज यदि बाबर जिंदा होता तो 10 साल के शासन को सलाम करता। इसके साथ ही उन्होंने दिग्विजय से पूछा कि "सिमी" का लालन पोषण किसने किया? "नक्सलवाद" को संरक्षण किसने दिया? चंबल में डाकुओं का राज था। कुएं हथियार उगलते थे। जिंदा जला देने की घटना भी हमे याद है। मुलताई में 24 किसानों का नरसंहार भी हम नही भूले। उन्होंने आगे कहा कि वास्तव में दिग्विजय सिंह का शासन बाबर-औरंगजेब सरीखा था।