राज्यपाल ने एन.आई.सी की वार्षिक पुस्तिका का किया विमोचन
raipur,  Governor released , annual booklet of NIC

रायपुर।राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने राजभवन में सोमवार को एन.आई.सी छत्तीसगढ़ की वार्षिक पुस्तिका ‘‘डिजिटल पाथवे‘‘ का विमोचन किया। कार्यक्रम के अवसर पर एन.आई.सी की महानिदेशक डॉ. नीता वर्मा ने एन.आई.सी द्वारा राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर प्रदान किए जा रहे डिजिटल सेवा के संबंध में जानकारी प्रदान की।

राज्यपाल सुश्री उइके ने एन.आई.सी की महानिदेशक डॉ. नीता वर्मा एवं एन.आई.सी. छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारियों को वार्षिक पुस्तिका के विमोचन पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में एन.आई.सी की महत्वपूर्ण भूमिका है। सुश्री उइके ने कहा कि एन.आई.सी. द्वारा उपलब्ध कराई गई डिजिटल सेवा कोविड-19 के दौर में काफी मददगार रही। डिजिटल सेवा के बदौलत ही तमाम कार्यों का आनलाईन संपादन किया जा सका। स्कूल एवं कॉलेज की पढ़ाई निरंतर जारी रही।

उन्होंने कहा कि एन.आई.सी. द्वारा सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए एवं नागरिक सेवाओं का समय पर संपादन करने के लिए विकसित किए गए तकनीकों का क्रियान्वयन होना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एन.आई.सी. द्वारा विकसित किए गए ब्लॉकचेन सिस्टम विश्वविद्यालयों में लागू किए जायेंगे। इससे विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र ब्लॉकचेन में सुरक्षित रहेंगे। पब्लिक एक्सेस होने से उसकी विश्वसनीयता की भी जांच की जा सकती है। इससे विद्यार्थियों को भी प्रमाणपत्रों के रखने, लाने ले जाने के प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने समस्त विश्वविद्यालयों को एन.आई.सी. द्वारा विकसित किए गए स्वास प्लेटफार्म के तर्ज पर एक ही प्लेटफार्म में लाने की भी बात कही।

सुश्री उइके ने एन.आई.सी. की महानिदेशक से राजभवन सचिवालय को भी पूरी तरह से ई-आफिस में तब्दील कर पेपरलेस करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे खर्चे में भी कमी आयेगी और समय की भी बचत होगी। इसके अलावा उन्होंने इंटरनेट की स्पीड भी तेज होने और राज्य के सुदूर क्षेत्रों में ई-आफिस को स्थानीय भाषा में होने की भी अनिवार्यता बताई।

इस अवसर पर एनआईसी के उप महानिदेशक श्री संजय कपूर, उप महानिदेशक एवं राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी छत्तीसगढ़ डॉ. अशोक कुमार होता, विधिक सलाहकार श्री आर.के. अग्रवाल, उप सचिव श्री दीपक कुमार अग्रवाल उपस्थित थे। साथ ही एनआईसी छत्तीसगढ़ के सभी जिला सूचना विज्ञान अधिकारी वर्चुअल रूप से उपस्थित थे।