बिजली संकट को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
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भोपाल। भोपाल में गुरुवार को सिविल सर्विस डे पर प्रशासन अकादमी के प्रोग्राम में शिवराज सिंह चौहान के भाषण के दौरान बिजली गुल हो गई। बिजली बीच में बिजली गुल होने पर मुख्यमंत्री मुस्कुराते हुए बोले- कोयले का संकट है। हालांकि 5 मिनट बाद बिजली आ गई। लेकिन बिजली संकट को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला करने का मौका नही छोड़ा। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने बिजली संकट को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए प्रदेश की तुलना अंधेर नगरी से की है।

जीतू पटवारी ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि मध्यप्रदेश में बिजली का संकट गहरा गया है। गांवों में 10 घंटे तक बिजली नहीं आ रही है और शहरी क्षेत्र में भी बिजली कटौती जारी है। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 22,000 मेगावाट बिजली का एग्रीमेंट किया है, लेकिन जितनी खपत है, उतनी बिजली भी नहीं मिल रही। शिवराज सरकार की अदूरदर्शिता से प्रदेश में अंधेरा व्याप्त है। वहीं मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में भी बिजली गुल हो रही है। बिजली संकट भयावह है, सरकार स्थिति को जल्द संभाले। प्रदेश को 12 हजार मेगावाट बिजली की जरूरत है, जबकि उपलब्धता मात्र 10 हजार मेगावाट है।

 

पूर्व मंत्री ने कहा कि जहां कमलनाथ सरकार में 100 रू. में 100 यूनिट बिजली मिलती थी और बिजली का किसी तरह का संकट नहीं था। वहीं शिवराज सिंह चौहान सरकार ने प्रदेश को अंधेरे में धकेल दिया है। प्रदेश में अंधेर नगरी मामा राजा के हालात पैदा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता यह भी जानती है कि मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार की लापरवाही से कोयले का संकट लंबे समय से बना हुआ है। यही कारण है कि आज प्रशासन अकादमी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधन के दौरान और भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की पत्रकार वार्ता के पूर्व लंबे समय तक बिजली कटौती होना प्रदेश में बिजली संकट की स्थिति बयां करता है।

 

जनता को प्रभावित कर रहे अन्य मुद्दों की चर्चा करते हुए पटवारी ने कहा कि मार्च में खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई दर 8.47 प्रतिशत से बढक़र 8.71 प्रतिशत पर आ गई है। वहीं प्राइमरी आर्टिकल्स की थोक महंगाई दर भी फरवरी 13.39 प्रतिशत से बढक़र 15.54 प्रतिशत पर आ गई है। उधर, ईंधन और बिजली की थोक महंगाई दर भी फरवरी के 31.50 प्रतिशत से बढक़र 34.52 प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने कहा कि खाने-पीने के सामान, ईंधन और बिजली के दाम में इजाफा होने से थोक महंगाई मार्च में लगातार 12वें महीने डबल डिजिट में बनी हुई है। पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार दूरदर्शिता दिखाये और जनता को तत्काल बिजली संकट और महंगाई से राहत पहुंचाये।