सिर्फ इवेंट करने से आदिवासी वर्ग का भला नहीं होगा: कमलनाथ
bhopal,  Only doing events,benefit the tribal class

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित कार्यक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा द्वारा भोपाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बुलाकर एक बड़ा आयोजन किया, यह आयोजन तेंदूपत्ता संग्राहको को बोनस बांटने के नाम पर किया गया। 67 करोड़ के बोनस बांटने के लिए 20-25 करोड़ रुपए इस आयोजन-इवेंट के नाम पर आज लुटा दिए गए।

कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा चूँकि हर काम को इवेंट के जरिए करती है, इवेंट करना उनकी आदत बन चुका है। प्रदेश के खजाने को इसी तरह इवेंट के नाम पर लुटाती आयी है और आज भी भाजपा ने वैसा ही किया। दो वर्ष बाद यह बोनस दिया गया और वह भी करोड़ों लुटाकर? पूर्व सीएम ने कहा कि यदि यह राशि इन वर्गों के हित व कल्याण के लिए खर्च की जाती तो शायद आज इस वर्ग का ज्यादा भला होता। आगामी चुनाव को देखते हुए आदिवासी वर्ग व दलित वर्ग को साधने के लिए यह आयोजन किया गया, जबकि पूरे प्रदेश का आदिवासी वर्ग जानता है कि देश में सबसे ज़्यादा जनजातीय वर्ग के लोग मध्यप्रदेश में रहते हैं और उनकी हालत किसी से छुपी नहीं है।

कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि आदिवासी वर्ग पर देश भर में दर्ज होने वाले अपराधों में मध्यप्रदेश की हिस्सेदारी 23 फ़ीसदी है, खुद एनसीआरबी की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश आदिवासी उत्पीडऩ में देश में शीर्ष पर आया है। हमने नेमावर की, खरगोन की,खंडवा की घटनाएं देखी है, किस प्रकार से इस वर्ग के साथ अत्याचार व दमन किया जा रहा है। हमने हमारी सरकार में तेंदूपत्ता संग्राहको की राशि को 2000 से बढ़ाकर 2500/- किया था और अभी कुछ दिनों पूर्व ही मैंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग की थी कि छत्तीसगढ़ सरकार की तर्ज पर इस राशि को बढ़ाकर 4500/- किया जाये। आज इस निर्णय को लिया जाना था लेकिन निर्णय तो लिया नहीं गया उल्टा इस इवेंट के नाम पर करोड़ों रुपए लुटा दिए गए।

कमलनाथ ने कहा कि वास्तव में भाजपा सरकार को यदि तेंदूपत्ता संग्राहको की, आदिवासी व दलित वर्ग की चिंता है तो उनके साथ होने वाली उत्पीडऩ की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार कठोर कदम उठाये, इन वर्ग के हित व कल्याण के लिए ठोस योजनाएं बनाये। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कभी जनजातीय गौरव दिवस के नाम पर, कभी अन्य आयोजन के नाम पर करोड़ों रुपया लूटा रही है, आदिवासी उपयोजना की राशि आयोजनों पर खर्च की जा रही हैं, जबकि इस राशि से इस वर्ग का विकास होना चाहिये। प्रदेश का आदिवासी वर्ग, दलित वर्ग तेंदूपत्ता, संग्राहक इस सच्चाई को जानता है और भाजपा की ऐसी गुमराह करने वाली राजनीति में आने वाला नहीं है।