मध्यप्रदेश में निवेशकों को जारी सुविधाएँ एक ही जगह
मध्यप्रदेश में निवेशकों को जारी सुविधाएँ एक ही जगह
एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में निवेशकों को सारी सुविधाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाने के लिये सही अर्थों में एकल खिड़की व्यवस्था शुरू की गई है। उद्योग नीति तथा अन्य सेक्टरों की नीतियों में जरूरत के मुताबिक बदलाव और संशोधन लगातार किये जा रहे हैं। इससे प्रदेश में उद्यमियों को काम करने में बहुत आसानी होगी। कोई भी निवेशक और उद्यमी राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन 181 पर भी अपनी समस्या बताकर उसका निराकरण करवा सकता है।मुख्यमंत्री चौहान मुम्बई में सीआईआई की नेशनल काउंसलिंग की बैठक में उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उद्योगपतियों के साथ निवेश संभावनाओं तथा प्रदेश में दी जा रही सुविधाओं पर चर्चा की और उनके सुझाव भी लिये। इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा, प्रमुख सचिव उद्योग श्री मोहम्मद सुलेमान और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री एस.के. मिश्रा भी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में बीते वर्षों में सड़क, बिजली और पानी सहित औद्योगिक अधोसंरचना के विकास पर विशेष रूप से कार्य किया है। प्रदेश में पीपीपी की अवधारणा को सफलता से लागू किया गया है। सड़क और बिजली के क्षेत्र में पीपीपी के जरिये अच्छा काम हो रहा है। अब नवकरणीय ऊर्जा के विकास पर जोर दिया गया है और प्रदेश में 4000 मेगावॉट नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि चंबल के बीहड़ों को पीपीपी के आधार पर विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं।श्री चौहान ने कहा कि बीते 10 साल में मध्यप्रदेश में कृषि का अभूतपूर्व विकास हुआ है और इस वर्ष प्रदेश की कृषि विकास दर 24.99 प्रतिशत रही है। इसीलिये कृषि पर आधारित उद्योगों को राज्य सरकार ने थ्रस्ट सेक्टर में सबसे ऊपर रखा है। राज्य सरकार खाद्य प्र-संस्करण संयंत्र और वेयर हाऊसिंग के क्षेत्र में अधिक निवेश चाहती है। कोशिश यह है कि उद्योगपति खाद्य प्र-संस्करण इकाइयाँ उसी क्षेत्र में लगायें, जहाँ संबंधित उपज होती है। इससे उन्हें कच्चा माल आसानी से मिल सकेगा और उद्योगों के साथ-साथ किसानों को भी फायदा होगा।श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों के विकास के साथ-साथ युवा उद्यमी तैयार करने पर खासतौर से ध्यान दिया गया है। राज्य में 27 औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है। साथ ही औद्योगिक जोन बनाये जा रहे हैं। औद्योगिक जोन को सशक्त बनाने के लिये ही राज्य में मेट्रो रेल तथा अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवाओं का लाया जा रहा है।