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भोपाल। मध्य प्रदेश में इस्लामिक त्योहार ईदुल-फितर आज सोमवार से मनाया जाना आरंभ हो गया है। सबसे पहले दाऊदी बोहरा समाज ने इसकी शुरूआत की है। बोहरा समुदाय चांद की तस्दीक की बजाए हिंदी तिथि से रमजान की शुरुआत कर तीस रोजे पूरे कर ईद का त्यौहार मनाते हैं। मीठी ईद का उल्लास शहर की 15 मस्जिदों-मरकजों में दिखाई दे रहा है। सुबह फजर की नमाज के बाद ईद की विशेष नमाज खुतबा अदा की गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया ''दाऊदी बोहरा समुदाय के 53वें धर्म गुरु सैय्यदना मुफद्दल सैफउद्दीन साहब एवं समुदाय के सभी भाई-बहनों को #EidUlFitr की बहुत-बहुत बधाई! आप सभी के जीवन में सुख, समृद्धि बढ़े, खुशहाली आये, यही शुभकामनाएं!''
दाउदी बोहरा समाज के मीडिया प्रभारी मज़हर हुसैन सेठजी वालाएवं बुरहानुद्दीन शकरूवाला ने इस संबंध में बताया कि हमारे 53वें धर्मगुरु हिज होलिनेस सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन की उम्र दराजी के साथ देश की तरक्की और खुशहाली के लिए दुआ की जा रही है, इसी के साथ ईद की नमाज के बाद खुशी की मजलिस है।
उन्होंने बताया कि दाऊदी बोहरा समुदाय ने हैदरी मस्जिद अलीगंज, हुसैनी मस्जिद पीरगेट, बद्री मस्जिद सैफिया कॉलेज, अहमदी मस्जिद कब्रिस्तान, नजमी हाल नूरमहल, बुरहानी मस्जिद कारोद, इज़ी मोहल्ला कोहेफिजा में ईद की नमाज अदा की व्यवस्था की गई । इन दोनों का कहना है कि आज सैफी नगर मस्जिद में शब्बीर भाई मिलंदी वाला, न्यु सैफी नगर मरकज़ पर शेख मोईज चोपड़ वाला, बोहरा बाखल मस्जिद में शेख अली अकबर भाई बड़वाह वाला सियागंज मस्जिद में आमिल युनुस भाईसाहब वज़ीरी, बद्रीबाग मरकज़ में आमिल अली असगर हकीमी, छावनी मस्जिद में मुस्तफा भाई लुनावाड़ा वाला ईद की नमाज अदा कराने के लिए चुना गया।
उल्लेखनीय है कि दाउदी बोहरा समुदाय इस्लाम की शिया इस्माइली शाखा के भीतर एक धार्मिक संप्रदाय है। उनकी सबसे बड़ी संख्या भारत, पाकिस्तान, यमन, पूर्वी अफ्रीका और खाड़ी राज्यों में रहती है। इसके अलावा मध्य पूर्व देशों, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी महत्वपूर्ण संख्या में दाउदी बोहरा समुदाय उपस्थित है ।
बोहरा शब्द, गुजराती शब्द वोहरू एवं व्यवहार से आया है, जिसका अर्थ है "व्यापार", उनके पारंपरिक व्यवसायों और परंपराओं के अनुसार आज भी दाउदी बोहरा समुदाय में ये व्यावसायिक प्रथा जारी है। दाऊदी बोहरा शिया और सुन्नी दोनों होते हैं। दाऊदी बोहरा ज़्यादातर शियाओं से समानता रखते हैं।
सभी मुसलमानों की तरह, वे दिन में पांच बार नमाज़ पढ़ते हैं, रमजान के महीने में रोज़ा रखते हैं, हज और उमरा करते हैं और ज़कात देते हैं। दाउदी बोहरा समुदाय सदियों पुराने सिद्धांतों के एक समूह द्वारा एकजुट हैं। विश्वास के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता। स्थानीय कानून का पालन करने वाले नागरिक होने और जिस देश में वे रहते हैं, उसके लिए एक वास्तविक प्रेम विकसित करना, समाज, शिक्षा, कड़ी मेहनत और समान अधिकारों के मूल्य में विश्वास, अन्य धार्मिक विश्वासों के साथ जुड़ाव, पर्यावरण और उसके प्रतिवेश सभी प्राणियों की देखभाल करने की जिम्मेदारी में अपना जीवन बिताते हैं।
MadhyaBharat
2 May 2022
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