जंगल में छिपा रखा था लूट का सामान, नक्सली से और खुलासे होंगे
दंतेवाड़ा जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के संयुक्त दल ने जनमिलिशिया कमांडर जोगा पिता लखमा तेलाम को गिरफ्तार किया है। उसके निशानदेही पर पुलिस ने लूट के टीवी सहित एक भरमार और नक्सल सामग्री बरामद किया है। जिसे वह जंगल में छिपाकर रखा था। वह 2010 से नक्सलियो के लिए काम करते रेल पटरी उखाड़ने से लेकर हत्या, लूट, आगजनी और 25 संगीन वारदातों में शामिल था।
दंतेवाड़ा के ग्राम झिरका भांसी निवासी जोगा (37) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक गश्ती के दौरान वह पकड़ में आया। गिरफ्तार नक्सली ने बताया कि वह सन् 2010 में नक्सलियों के संपर्क में आने के बाद भैरमगढ़ एरिया कमेटी के भांसी, कामालूर एलओएस क्षेत्र में जनमिलीशिया सदस्य के रुप में काम शुरु किया।
सन् 2012 में भांसी,कामालूर का कमांडर बनाया गया तो वह लगातार संगठन को मजबूती देने के साथ ही दंतेवाड़ा, भांसी, फरसपाल क्षेत्र में हत्या, लूट एवं रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाता रहा है।
उसने पुजारीपारा, धुरली निवासी भगत कुंजाम की हत्या कर उसके घर से मोटरसाइकिल, टीवी और अन्य घरेलू सामान लूटकर ले गया था। जिसे उसकी निशानदेही पर पुलिस ने बरामद कर लिया है। साथ ही रेल पटरी उखाड़ने के लिए उपयोग करने वाले औजार तथा एक भरमार, बारूद, टिफिन बम, ग्रेनेट, डेटोनेटटर, वायर एवं विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई। पत्रवार्ता के दौरान एसपी कमलोचन कश्यप, एएसपी जीएन बघेल, सीआरपीएफ 230-ए के कंपनी कमांडर ओमप्रकाश मिश्रा आदि मौजूद थे। अधिकारियों ने कहा कि उससे और भी महत्वपूर्ण खुलासे होंगे।
नक्सली सुप्रीमो गणपति और गणेश उइके के गनमैनों ने किया आत्समर्पण
दंतेवाड़ा जिला पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने मिलेट्री दलम चीफ और नक्सली सब जोनल कमांड के सचिव गणेश उइके के गनमैन ने आत्मसमर्पण किया है।
मिलेट्री दलम के चीफ पोदिया कड़ती पर आठ लाख और गणेश उइके के गनमेन हरिश पोडियामी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था।
दोनों नक्सलियों के आत्मसमर्पण से पुलिस को काफी जानकारी मिलने की बात कही है। उन्होंने पुलिस की पुनर्वास नीति और नक्सलियों के बदले व्यवहार से मुख्यधारा में आने की बात कही है। पुलिस ने दोनों नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि सौंपा है।
पुलिस ने बीजापुर के मिरतुर नीलावाया निवासी पोदिया कड़ती उर्फ रामलाल उर्फ मंगू पिता हुंगा कड़ती (35) और सुकमा जिले के मुरकी गादीरास निवासी हरीश पोडियामी पिता जोगा पोडियामी ने बुधवार को मीडिया के सामने प्रस्तुत करते आत्मसमर्पण करना बताया। दोनों नक्सलियों ने बताया कि वे नक्सलियों के बदले व्यवहार और पुलिस की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है।
वे मुख्यधारा में जुड़कर आमजीवन जीना चाहते हैं। पोदिया ने बताया कि वह सन् 2000 से नक्सलियों से जुड़कर विभिन्न् पदों पर कार्य किया। इस दौरान वह नक्सली सुप्रिमो गणपति का गनमैन भी रहा और कई वारदातों में शामिल था। इसी तरह हरीश भी सन 2008 में नक्सलियों के संपर्क में आया और दरभा डिवीजन तथ प्रेस यूनिट में काम कर चुका है।
वह सन् 2010 में दक्षिण रीजनल कमेटी सचिव गणेश उइके का गनमेन रहा है। सन् 2013 में मोह भंग होने से गांव लौट आया तो पुलिस और नक्सलियों, दोनों के टारगेट में था। इसलिए अंत में आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया। एसपी कमलोचन कश्यप ने बताया कि इनके द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियां पुलिस को मिल रही है।